यूथ इंडिया संवाददाता
मोहम्मदाबाद। कस्बा में मंगलवार सुबह जामा मस्जिद नूरी से जुलुसे मोहम्मदी का आयोजन किया गया। यह जुलूस सुबह 7:30 बजे शुरू होकर शिवाजी नगर, इमाम चौक, और आजाद नगर से होते हुए संकिसा रोड और बेवर रोड तक पहुंचा। इसके बाद, कोतवाली मोहम्मदाबाद के सामने से गुजरते हुए जुलूस वापस जामा मस्जिद नूरी पहुंचा, जहां समाप्ति हुई।
इस मौके पर मस्जिद के इमाम ने पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के जीवन और उनके संदेशों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पैगंबर साहब की पैदाइश का दिन मुसलमानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिसे वे बड़ी शानो-शौकत से मनाते हैं। इमाम ने पैगंबर साहब द्वारा विधवा महिलाओं के प्रति किए गए सम्मान और उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने सबसे पहले विधवा महिला हजरत खदीजा रहमतुल्ला अलैह से शादी कर समाज को विधवाओं के अधिकारों और नारी सम्मान के प्रति जागरूक किया। जुलूस के सफल आयोजन में मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष नूर अहमद खान, कोषाध्यक्ष अकबर मंसूरी, मेंबर रफीक अहमद, मोहम्मद इस्लाम शाह, उमर खान, मस्जिद के मौजिम सिराजुद्दीन सिद्दीकी के साथ-साथ कोतवाली प्रभारी मनोज भाटी और कस्बा इंचार्ज महेंद्र सिंह ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।