लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि देश में आपातकाल (emergency) जैसा माहौल है। देखा जा रहा है, देश के लोगों पर एक एकरंगी विचारधारा थोपी जा रही है। इस तरह से थोपा जा रहा है कि उन चीजों के बारे में लोगों को बहस करनी पड़ रही है। उन बातों पर घरों में बैठकर चर्चा कर रहे है, सोच रहे है। ऐसी बातों की पहले कभी चर्चा नहीं थी, जिनकी आज होती है। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान विविधता रही है। हम सभी भारतीय एक हैं। सबको एक साथ जोड़कर रखना है। एकरूपता लाने की जरूरत है।
रविवार को बंगलुरू में आयोजित विजन इंडिया प्लान, डेवलप, एसेंट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आज की भाजपा सरकार हमारी हिन्दुस्तानियत पर संकट पैदा कर रही है। विजन इंडिया कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए श्री यादव ने कहा कि जिन बातों की पहले चर्चा नहीं होती थी उन्हें अब राजनीति में लाया जा रहा है। जिससे दूरियां पैदा हो रही है। आज जो समाज में नकारात्मकता फैलाई जा रही है, उसे काउन्टर करना है। हमारा विजन इंडिया पॉजिटिव है। यह नकारात्मकता को काउन्टर करता है। वहीं जब प्रैगमेटिंग की बात करते है तो जहां हम विकासशील देश हैं वहीं हमारी सीमाएं है। हम दायरे में काम करें। हम प्रोग्रेसिव बात कर रहे हैं, उसका मतलब प्रगतिशील बने रहना है। लोगों को रूढ़िवादी सोंच से दूर ले जाना।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे विजन इंडिया का मकसद है कि हम एकजुटता लाये। अपनी हिन्दुस्तानियत को पहचानें। विविधता में एकता की अपनी पहचान को लेकर आगे बढ़े। हमारी कोशिश है कि सभी लोग प्रोगेसिव हों। पॉजिटिव हो और सबको एक साथ लेकर चलने की बात करें। राजनीतिक तौर पर हम सभी लोग बहुत बाते करते है लेकिन जो प्लान डेवलपमेंट एसेन्ट विजन इंडिया को लेकर चल रहे है इसमें पॉजिटिव का मतलब है, भेदभाव को मिटाना। बराबरी का मौका दें। उसी से गैरबराबरी को दूर किया जा सकता है। इन्क्लूसिव का मतलब है जो आखिरी व्यक्ति है उसको साथ लेकर चलें। जो पिछड़ापन है और जो पिछडेपन के शिकार हुए हैं उसे कैसे दूर किया जाय। समाज में जिन लोगों का दमन हुआ है, महिलाओं के साथ जो भेदभाव का व्यवहार होता है, किसान-मजदूर और बेरोजगार युवा है, उन सभी को को आगे बढ़ाने के लिए हम इन्क्लूसिव की बात कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज का युवा पॉजिटिव सोचता है। युवा दुनिया को जोड़ने के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि हमने विजन इंडिया के लिए बंगलूरू को इसलिए चुना क्योंकि बंगलूरू स्टार्टअप इंडिया का हब है। बंगलूरू से हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। हमने सोचा कि विजन इंडिया का बड़ा काम, नया काम हम बंगलौर से शुरू करें। प्लान डेवलप की बात बंगलूरू से की जाय। विकासशील देश में स्टार्टअप और विकास के लिए बहुत मुश्किले हैं। देश के अन्दर बहुत समस्यायें हैं लेकिन स्टार्टअप पॉजिटिव रास्ता है। 2016 में सबसे पहले स्टार्टअप नीति समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बनायी। उसके लिए बजट का प्राविधान किया। अधिकारियों की टीम बनायी गयी। उस समय के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने उसे आगे बढ़ाया।
अखिलेश यादव ने कहा कि अपनी मुश्किलों और कमियों के रास्ते खुद तलाशने होते है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं को हमने दूर किया। अगर विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना है और काम करना है तो उस दिशा में सोचना होगा। मेरा मानना है कि नौजवान को हर मुश्किल और समस्या का समाधान खोजना चाहिए। स्टार्टअप के लिए तैयार रहना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे विजन इंडिया का मकसद यूपी के शहरों में बैंगलोर जैसा इकोसिस्टम विकसित करना है, उसी तरह की सुविधाएं देना। हमने लखनऊ में आईटी सिटी बनाया। आज हजारों युवा वहां काम कर रहे है। हम ऐसा काम करेंगे जिससे यूपी के युवाओं को उत्तर प्रदेश में नौकरी और काम मिले। इसके लिए नीति बनाएंगे। उसी तरफ सरकार का फोकस होगा।
अखिलेश यादव ने यूपी में छात्रों को 20 लाख लैपटॉप वितरण के सवाल पर कहा कि दुनिया के कई विकासशील देशें में राजनीतिक दल और सरकारें डिजिटल डिवाइड की बात करती है। यहां पहले से ही बहुत भेदभाव है। हम इन्क्लूसिव की बात करते हैं। हमने सोचा कि अगर यूपी के बच्चों को लैपटॉप मिल जाय तो यूपी में डिजिटल डिवाइड कम होगा। लैपटॉप वितरण की अलग ही तरह की कहानियां है। जो लैपटॉप दिया था, वे दस साल बाद भी चल रहे है। कई युवाओं ने बताया कि इसी लैपटॉप से पढ़ाई की और अब नौकरी कर रहे हैं।


