बचपन की यादें और विद्यालय देख ,भावुक हुए अखिलेश यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने अपने बचपन और छात्र जीवन की यादों को ताज़ा किया। वे धौलपुर राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (Dholpur National Military School) के शताब्दी समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने मंच से अपने अनुभव साझा किए और विद्यालय, शिक्षकों व शिक्षा के प्रति आभार प्रकट किया।
अखिलेश यादव ने कहा – “बचपन की यादें होती हैं, यादों का बचपन नहीं होता। वो उम्र के साथ बड़ी होती जाती हैं।” उन्होंने बताया कि इस समारोह में शामिल होकर उन्हें केवल अपनत्व का ही नहीं, बल्कि एक गहरी ज़िम्मेदारी का भी एहसास हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे स्कूल केवल शिक्षा नहीं देते बल्कि वे जीवन के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह होते हैं। ऐसे विद्यालय हर कदम पर राह दिखाते हैं और विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को संवारते हैं।
अखिलेश यादव ने भावुक होते हुए कहा – “मैं अपने विद्यालय, शिक्षकों और शिक्षा के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझे देशप्रेम, अनुशासन, मानवता, सौहार्द, करुणा और जनसेवा का शाश्वत पाठ पढ़ाया।” धौलपुर राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल का यह शताब्दी समारोह सिर्फ संस्थान की उपलब्धि नहीं बल्कि उन हजारों विद्यार्थियों की उपलब्धियों का उत्सव भी है, जिन्होंने यहां से शिक्षा लेकर देश-विदेश में नाम रोशन किया है।
समारोह में मौजूद विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अखिलेश यादव की बातें सुनकर गहरी प्रेरणा ली। उनके शब्दों ने यह संदेश दिया कि शिक्षा सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं बल्कि यह जीवनभर की राह को रोशन करने वाली ज्योति है।