भाजपा नेता के अलावा भाजपा के विधायक व दिवंगत अधिवक्ता की पत्नी के खिलाफ भी दर्ज कराया झूठा मुकदमा
– न्यायिक अधिकारियों प्रशासनिक अधिकारियों पुलिस कर्मियों के अलावा व्यापारी वर्ग शिक्षक प्रधानाचार्य को झूठे मुकदमों में निर्दोष फसाया, की ठगी
– उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर प्रशासनिक ताकतों को करता भय जदा
– वर्तमान में यूपी के कुख्यात माफिया अनुपम दुबे के गैंग का संरक्षण और संचालन अवधेश के हाथ
फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ कचहरी का चर्चित वकील अवधेश मिश्रा अपने तथाकथित “गैंग” के साथ मिलकर झूठे मुकदमों की आड़ में लोगों से धनउगाही का बड़ा नेटवर्क चला रहा है। वर्षों से गैर-प्रैक्टिशनर वकीलों के साथ गठजोड़ कर उसने न केवल आम नागरिकों, बल्कि पत्रकारों, नेताओं, शिक्षकों और न्यायिक अधिकारियों पुलिस अधिकारियों व्यापारियों तक को झूठे आरोपों में या झूठे मुकदमों में फंसा कर करोड़ों रुपये वसूल डाले। उसकी करतूतें अब कानपुर के दागी वकील अखिलेश दुबे के तौर-तरीकों से भी आगे निकल चुकी हैं। जनपद में जब भी पुलिस प्रशासन इस गैंग पर प्रभावी कार्रवाई करने का प्रयास करता तो उच्च न्यायालय में आ चुका हूं के माध्यम से जिम्मेदारों को फसाने की कोशिश करता ताकि कार्रवाई न हो, अवधेश मिश्रा यूपी के कुख्यात माफिया अनुपम दुबे के जेल में जाने के बाद उसके गैंग और कचहरी के माफिया संजीव परिया के गैंग का वर्तमान में संचालक और संरक्षक है।
सूत्रों के अनुसार, अवधेश मिश्रा और उसके सहयोगी वकील लंबे समय से फ़तेहगढ कचहरी परिसर में गैरकानूनी रूप से कार्यरत हैं। ये लोग भोलेभाले लोगों को झूठे मुकदमों में फँसाने की धमकी देकर रंगदारी वसूलते हैं।
फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के नगला राजन भोलेपुर निवासी से अवधेश मिश्रा ने पत्रकार संदीप, युवक जितेंद्र, सिंटू, विवेक, राहुल तथा आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराया — जिसमें स्वयं अवधेश मिश्रा ही वकील था। फर्रुखाबाद दूरसंचार में तैनात अधिकारियों के खिलाफ झूठ बलात्कार का मुकदमा लगवा कर उनसे लाखों की अबधेश मिश्रा ने रंगदारी वसूली,
थाना कमालगंज के फतेहउल्लापुर निवासी सेवानिवृत सैन्य अधिकारी की पत्नी श्रीमती शशिप्रभा पत्नी रमेशचंद्र को भी झूठे मुकदमों में फँसाने की धमकी देकर उनसे भारी रकम वसूली गई। इतना ही नहीं, अवधेश ने उनकी बहू और पुत्र को अपने गैंग में शामिल कर उन्हीं के परिजनों के खिलाफ कई फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए।
भाजपा नेता वीरेंद्र कठेरिया के खिलाफ अवधेश मिश्रा ने अपने गैंग की सदस्य से झूठा मुकदमा लिखवाया और बाद में रंगदारी मांगी।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के दुर्गा इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रभात यादव के विरुद्ध भी वर्ष 2020 में एक महिला सदस्य से झूठा बलात्कार मुकदमा लगवाया गया, जो बाद में फर्जी साबित हुआ, इसी प्रकार दूसरा भी उनके खिलाफ डलवाया गया जो भी झूठा साबित हुआ कारण सिर्फ इतना था की दुर्गा इंटर कॉलेज बंद हो जाए और अवधेश मिश्रा का यही पास में स्थित चांदपुर में एसकेएम इंटर कॉलेज चलने लगे। पुलिस जांच में पूरा मामला मनगढ़ंत पाया गया।
यूथ इंडिया के संपादक शरद कटियार को भी अवधेश मिश्रा के गैंग ने निशाना बनाया। गैंग की युवती के माध्यम से कटियार और उनके सहयोगियों, जिनमें कमालगंज थाना अध्यक्ष अजय नारायण सिंह सहित कई पुलिसकर्मी तक शामिल थे, पर झूठे गैंगरेप के मुकदमे न्यायालय में डलवाए गए।
जब ये मामले झूठे साबित हुए तो 5 जनवरी 2021 को कोतवाली कन्नौज में छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत फर्जी मामला दर्ज कराया गया। उच्च न्यायालय में खुलासा हुआ कि इसके पीछे शरद कटियार की पत्नी रेनू कटियार की संपत्ति हड़पने की साजिश थी।
उच्च न्यायालय ने इन सभी मुकदमों की प्रोसिडिंग स्थगित (स्टे) कर दी है।
अवधेश मिश्रा ने अपने गैंग के सदस्य ट्रक चालक थाना कादरी गेट के मोहल्ला भूपत पट्टी निवासी सत्यनारायण पुत्र रामचंद्र से भाजपा विधायक सुशील शाक्य,की धर्मपत्नी 70 वर्षोंय श्री मती उषा शाक्य, दिवंगत अधिवक्ता स्वर्गीय सुधीर मोहन की 70 वर्षीय धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला देवी व अन्य कई लोगों के विरुद्ध भी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करवाए — जिनमें पुलिस विवेचना के बाद अंतिम रिपोर्ट लगाकर मामलों को झूठा पाया गया।
इसी क्रम में मेरापुर के सुमित यादव, नवाबगंज के ग्राम हरदुआ के प्रधान संजीव यादव, जयवीर सिंह जाटव, होरी मोहल्ला भोलेपुर निवासी 70 वर्षीय नीलम देवी, तथा नवाबगंज के गैस एजेंसी संचालक राजेश गुप्ता को भी इसी गैंग ने झूठे मुकदमों में फँसाकर धनउगाही का प्रयास किया।
इतना ही नहीं, अवधेश मिश्रा ने जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह, एसपी अशोक कुमार मीणा, थाना प्रभारी आर.के. शर्मा, एलआईयू प्रभारी प्रेमलता यादव, इंस्पेक्टर कुलदीप दीक्षित, जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह, तथा कई न्यायिक अधिकारियों तक के विरुद्ध झूठी शिकायतें कीं, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
जांच सूत्र बताते हैं कि अवधेश मिश्रा ने बीते कुछ वर्षों में फर्जी मुकदमों और वसूली के बल पर करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्तियाँ फतेहगढ़ और कई शहरों में खड़ी की हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, “वह अपने प्रभाव और धमकी से लोगों को डराकर मनमानी करता है। कई परिवार उसकी वजह से मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुके हैं।”
अवधेश मिश्रा के झूठे मुकदमों और फर्जीवाड़े से पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी व पुलिस महानिरीक्षक से इस पूरे नेटवर्क की एसआईटी जांच कराने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि जब तक ऐसे फर्जी वकीलों और उनके सहयोगी नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, निर्दोषों का शोषण जारी रहेगा।


