लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज कई महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए चुनाव आयोग, BJP और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए। नेताजी को याद करते हुए उन्होंने शिक्षा, लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की याद में बनाई गई राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी आज शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है और वहां के टॉपर्स को सम्मानित करना समाजवादी विचारधारा की परंपरा का हिस्सा है।
उन्होंने कहा,
“आज जब हम नेताजी को याद करते हैं, हमने लॉ यूनिवर्सिटी के टॉपर्स को आई-पैड देकर सम्मानित किया। यह शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता है।”
चुनावी मुद्दों पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीएलओ सहयोग नहीं कर रहे हैं और भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर बड़ी तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, “बीएलओ जितना सहयोग करना चाहिए, नहीं कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि यूपी और वेस्ट बंगाल में भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर तैयारी कर रही है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि 2024 में समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन द्वारा जीती गई विधानसभाओं में भाजपा वोट काटने की साजिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “भाजपा और चुनाव आयोग उन विधानसभाओं में 50 हजार वोट काटने की तैयारी कर रहे हैं।”
अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीएलओ को ट्रेनिंग नहीं दी गई और आयोग तैयारी के बिना काम कर रहा है। उन्होंने आयोग से SOP जारी करने और यूपी में SIR का समय बढ़ाने की मांग की। “कोई तैयारी के साथ SIR नहीं हुआ है। बीएलओ को ट्रेनिंग तक नहीं दी गई। हमारी मांग है कि SOP जारी की जाए और समय बढ़ाया जाए।”
उन्होंने प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी अब भाजपा के पदाधिकारी की तरह काम कर रहे हैं और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। “सरकारी अधिकारी भी भाजपा के पदाधिकारी बन गए हैं।” उन्होंने भाजपा पर धार्मिक राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा, “बीजेपी हर धर्म के खिलाफ है। वो चाहती है कि जैसा धर्म वो कहे, बस वही मानिए।”
अंत में कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह नया दौर है और चुनाव की लड़ाई भी नई तरह की होगी। “कार्यकर्ताओं को कहूंगा कि बहुत समझदारी, तैयारी और सूझबूझ से यह चुनाव लड़नी है। हमें कांटे से कांटा निकालना है।”


