कानपुर। शहर में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ कानपुर पुलिस कमिश्नर ने बड़ा कदम उठाया है। अखिलेश दुबे गैंग से जुड़े 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये पुलिसकर्मी कानून को ताक पर रखकर दुबे गैंग को फायदा पहुंचा रहे थे। महकमे की गोपनीय जानकारी सीधे गिरोह तक पहुंच रही थी। विवेचना में गड़बड़ी कर आरोपियों को लाभ पहुँचाया गया और उच्च अधिकारियों को भी गुमराह किया गया।
सस्पेंड किए गए पुलिस कर्मियों पर आरोप हैँ, इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह (पूर्व पनकी थाना प्रभारी) – जमीन कब्जे और भूमि विवाद की शिकायतें दबाईं, दुबे गैंग को लाभ पहुँचाया। इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी (पूर्व पीआरओ, थाना नबावगंज/फजलगंज) – गैंग से सांठ-गांठ, गोपनीय जानकारी लीक, अपराधियों को बचाने में भूमिका। इंस्पेक्टर अमान सिंह (थाना ग्वालटोली) – विवेचना में गड़बड़ी, बेल कमेंट सीधे कोर्ट भेजे बिना संज्ञान लिए।इंस्पेक्टर नीरज ओझा (पूर्व बर्रा थाना प्रभारी) – दुबे सिंडीकेट से सीधी सांठ-गांठ, पीड़ित पर झूठे आरोप। दरोगा आदेश कुमार यादव (पूर्व चौकी प्रभारी, आवास विकास, नौबस्ता) – अवैध कामों को बढ़ावा, जनता और स्टाफ के साथ खराब व्यवहार।दरोगा सनोज पटेल (थाना ग्वालटोली) – विवेचना में गड़बड़ी, बेल कमेंट सीधे कोर्ट भेजने में अनियमितता मिली।
पुलिस कमिश्नर ने साफ कहा
सभी छह पुलिसकर्मी तत्काल सस्पेंड किए गए हैं।
दोष सिद्ध होने पर और सख्त कार्रवाई होगी।
दुबे गैंग से जुड़ाव के किसी भी साक्ष्य पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू रहेगी।
कानपुर पुलिस की यह कार्रवाई सख्त कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार विरोधी नीति को दर्शाती है।