इटावा: उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम मंदिर (Kedarnath) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के इटावा में केदारेश्वर मंदिर (Kedareshwar temple) के निर्माण पर अब विवाद होता नजर आ रहा है। इसे लेकर तीर्थपुरोहितों के बाद संतों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ‘केदारेश्वर मंदिर’ के निर्माण को विरोध अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) भी कर रहे है। परिषद ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखने का निर्णया लिया है।
खबरों के मुताबिक, परिषद ने इटावा में बन रहे केदारेश्वर मंदिर को ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम की कॉपी करार देते हुए इसका अपमान बताया है। अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि जैसे दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहे मंदिर का विरोध कर बंद कराया अब संत इटावा में निर्माणाधीन केदारेश्वर मंदिर का विरोध करते हैं। रविंद्र पुरी ने कहा, किसी भी जगह किसी भी ज्योतिर्लिंग का डुप्लीकेट अखाड़ा परिषद नहीं बनने देंगे। इसके लिए संत समाज, पंडा समाज, बदरीनाथ-केदारनाथ के पुरोहितों के साथ जल्द बैठक की जाएगी।
आपको बता दें कि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में इटावा में निर्माणाधीन केदारेश्वर मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, इस वीडियो के बाद से ही उत्तराखंड में हंगामा होना शुरू हो गया। वहीं बीते 8 जुलाई 2024 को धामी कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था, कि उत्तराखंड चारधाम के नाम या फिर उस शैली में किसी भी मंदिर का निर्माण नहीं होगा। इसके लिए कई राज्यों को पत्र भी भेजे गए थे और इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है।