– लगभग 450 पृष्ठों की यह रिपोर्ट बेहद गंभीर और गोपनीय
– सूचना लीक होने की घटनाओं ने कानून व्यवस्था को कमजोर किया।
– जनसांख्यिकीय संतुलन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े कदम
लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) जिले में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सौंप दी गई है। लगभग 450 पृष्ठों की यह रिपोर्ट बेहद गंभीर और गोपनीय मानी जा रही है, जिसमें न केवल बीते वर्ष की हिंसा, बल्कि संभल के दशकों पुराने दंगों, जनसांख्यिकीय बदलाव और कथित आतंकी नेटवर्क से जुड़ी जानकारियों का विस्तार से उल्लेख है।
मुख्यमंत्री को सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि संभल की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी में नाटकीय गिरावट आई है। जहां पहले 45% आबादी हिंदू थी, वह अब 15-20% के बीच सिमट गई है। रिपोर्ट में डेमोग्राफिक बदलाव को दंगों, साजिशों और बाहरी तत्वों की सक्रियता से जोड़ा गया है।
24 नवंबर को हुए दंगे पर रिपोर्ट कहती है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी। मस्जिद में होने वाले सर्वे की जानकारी मस्जिद प्रबंधन को पूर्व में दी गई थी, और वहीं से इसकी सूचना लीक हुई, जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से भीड़ जुटाई गई। जांच में यह भी सामने आया है कि दंगे के दौरान मस्जिद परिसर में अवैध हथियारों और मादक पदार्थों का जखीरा मौजूद था।
रिपोर्ट में पिछले वर्षों में संभल में हुए दंगों की तिथियां, जनहानि, प्रशासनिक प्रतिक्रिया और उसके प्रभावों का भी विवरण है। यह भी दर्शाया गया है कि स्थानीय प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही और सूचना लीक होने की घटनाओं ने कानून व्यवस्था को कमजोर किया। रिपोर्ट से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि आने वाले समय में सरकार संभल सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय संतुलन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े कदम उठा सकती है।