कानपुर/उन्नाव: उत्तर प्रदेश के कानपुर और उन्नाव के बीच गंगा घाट (Ganga ghat) पर शुक्रवार रात एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई। पति से झगड़े के बाद आत्महत्या करने के इरादे से गंगा में कूदने वाली 43 वर्षीय महिला (woman) की जान तो बच गई, लेकिन रातभर वह मगरमच्छ के डर से अमरूद के पेड़ पर बैठी रही। सुबह स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने उसे सुरक्षित बाहर निकाला।
कानपुर के अहिरवां निवासी महिला की शादी करीब 23 साल पहले एक टेंपो चालक से हुई थी। दंपती की संतान नहीं है, जिसके चलते दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता था। पत्नी का आरोप है कि पति शराब पीकर मारपीट और झगड़ा करते हैं। शुक्रवार शाम भी इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हुई। गुस्से में महिला घर से दवा लेने का बहाना बनाकर निकली और जाजमऊ पुल से गंगा में कूद गई।
महिला ने बताया कि गंगा में कूदने के बाद उसे कुछ समझ नहीं आया। जब होश आया तो वह चंदन घाट के किनारे घुटने तक पानी में थी। तभी उसे पास में एक मगरमच्छ दिखाई दिया। जान बचाने की कोशिश में वह भागकर पास के एक बाग में पहुंची और अमरूद के पेड़ पर चढ़ गई। वहीं पर वह पूरी रात बैठी रही। शनिवार तड़के करीब 5 बजे बाग से गुजर रहे कुछ लोगों ने महिला की चीख-पुकार सुनी। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जाजमऊ चौकी इंचार्ज विनय यादव मौके पर पहुंचे और महिला को सुरक्षित नीचे उतारकर चौकी ले गए।
जाजमऊ पुलिस चौकी में महिला ने पूरी घटना की जानकारी दी। उसने बताया कि विवाद के कारण वह जान देने पर मजबूर हो गई थी, लेकिन गंगा में कूदने के बाद हालात कुछ और बन गए। पुलिस ने महिला को समझाया और उसके पति को बुलाकर आपसी तालमेल और शांति से रहने की नसीहत दी। इसके बाद महिला को घर भेज दिया गया।
महिला के पति ने बताया कि इससे पहले भी वह कई बार नाराज होकर घर छोड़ चुकी है, लेकिन हर बार वापस आ जाती थी। इस बार गंगा में कूदने की घटना से पूरा परिवार सहम गया। पुलिस ने दंपती को चेतावनी दी है कि आगे से इस तरह की हरकत न करें और आपस में मिल-जुलकर रहें।