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Wednesday, November 5, 2025

तहसील सदर में अधिवक्ताओं की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी, सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ

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– निबंधन मित्र योजना का विरोध तेज, वार्ता विफल, कार्य पूरी तरह ठप

फर्रुखाबाद। तहसील सदर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों की ओर से निबंधन मित्रों की नियुक्ति के विरोध में चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रही। विरोध के क्रम में अधिवक्ताओं ने सरकार की ‘बुद्धि-शुद्धि’ के लिए रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया और आहुतियां दीं।
इस दौरान अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों ने पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार किया, जिससे सब रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा और अन्य निबंधन कार्य पूरी तरह ठप रहा। अधिवक्ताओं के चैंबरों में सन्नाटा पसरा रहा और आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

सूचना मिलने पर सहायक आयुक्त निबंधन राजेश कुमार मौके पर पहुंचे और अधिवक्ताओं से वार्ता की कोशिश की, लेकिन अधिवक्ताओं ने उनकी एक भी बात नहीं मानी। वार्ता विफल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी।

धरना स्थल पर आयोजित सुंदरकांड पाठ में अधिवक्ताओं ने कहा कि यह विरोध सिर्फ अपने अधिकारों की रक्षा के लिए है और सरकार को यह समझना होगा कि निबंधन मित्र योजना उनके हितों के विरुद्ध है।

इस मौके पर बार एसोसिएशन के सचिव अतुल मिश्रा, विकास सक्सेना, अतर सिंह कटियार, दयाशंकर तिवारी, ओमप्रकाश दुबे, रविनेश यादव, पंकज राजपूत, संजय शाक्य, सुधीर सक्सेना, मुन्ना यादव, कुलदीप त्रिपाठी और राजेश वर्मा समेत कई अधिवक्ता और दस्तावेज लेखक मौजूद रहे।

हड़ताल के चलते न केवल राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम लोगों के जरूरी दस्तावेजों के कार्य भी लंबित हो गए हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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