पूर्व में 1834 कर्मचारियों को मिल चुकी है तैनाती, शेष के लिए निर्देश जारी
लखनऊ: कोविड (Covid) महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विभिन्न जनपदों में कार्यरत रहे 676 संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों (outsourced employees) को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने इन कर्मियों के विभागीय समायोजन को मंजूरी दे दी है। ये वे कर्मचारी हैं जो पहले चरण के समायोजन में छूट गए थे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने जानकारी दी कि इन कर्मचारियों का समायोजन स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न इकाइयों में किया जाएगा। इससे पूर्व राज्य में 1834 कर्मचारियों को तैनाती मिल चुकी है।
एक माह में होगा समायोजन
डिप्टी सीएम ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारु संचालन और कोविड काल के अनुभवों को देखते हुए इन कर्मचारियों की सेवाएं महत्वपूर्ण मानी गई हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन 676 कर्मचारियों का समायोजन जिला स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से अगले एक माह के भीतर कर दिया जाए। डिप्टी सीएम के निर्देश पर चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारियों, सीएमओ, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र जारी कर दिया गया है।
योग्यता के अनुसार मिलेगा कार्य
पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों की तैनाती उनकी शैक्षिक योग्यता और पूर्व अनुभव के अनुसार की जाएगी। ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, एनएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों, लैब असिस्टेंट, स्टाफ नर्स, ओटी टेक्नीशियन, स्वीपर, वार्ड ब्वॉय, माइक्रोबायोलॉजिस्ट जैसे पदों पर उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी, वह भी उसी मानदेय पर जो उन्हें पूर्व में मिलता था।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी जिले में समायोजन के लिए रिक्तियां उपलब्ध नहीं हैं, तो सीएमओ तुरंत मंडलीय अपर निदेशक को सूचित करें। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि कोविड काल के कर्मचारियों की जगह अन्य किसी को नियुक्त किया गया, तो संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए न केवल कार्रवाई की जाएगी, बल्कि वित्तीय अनियमितता मानते हुए वसूली भी की जाएगी। यह निर्णय उन सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो लंबे समय से समायोजन की प्रतीक्षा में थे।