– मुख्य अभियंता अब 10 करोड़ तक के कार्य मंजूर कर सकेंगे
– अधीक्षण अभियंता को 5 करोड़ तक की मंजूरी का अधिकार
लखनऊ। राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में ऐतिहासिक वृद्धि करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव विभागीय कार्यों की गति और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। अब अधिकारियों को पहले की तुलना में पांच गुना तक अधिक वित्तीय अधिकार मिलेंगे।
नए प्रावधान के अनुसार —
मुख्य अभियंता अब 10 करोड़ रुपये तक के निर्माण कार्यों को स्वीकृति दे सकेंगे।
अधीक्षण अभियंता को 5 करोड़ रुपये तक के कार्यों की मंजूरी का अधिकार होगा।
अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के अधिकारों में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, जिससे विभागीय परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी आने की उम्मीद है।
इसके साथ ही अभियंता सेवा (PWD) नियमावली, 1990 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इस संशोधन के तहत विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में “चीफ (स्तर-एक)” नाम से एक नया पद सृजित किया गया है, जिससे विभाग में तकनीकी विशेषज्ञता और प्रशासनिक दक्षता को सशक्त बनाया जा सके।
सरकार का मानना है कि इस कदम से विभागीय कार्यों में तेजी, जवाबदेही और आत्मनिर्भरता आएगी। पहले छोटी परियोजनाओं के लिए भी उच्च स्तर से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिससे काम में देरी होती थी। अब यह निर्णय स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्यवाही की सुविधा देगा।
इस फैसले को प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और निर्माण कार्यों को रफ्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।





