नई दिल्ली। पाकिस्तान मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी भारत प्रत्यर्पण की अपील को खारिज करते हुए कहा है कि वह भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के योग्य हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच जो समझौता है, उसके तहत उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। राणा भी उस टेरर अटैक में एक आरोपी थे।
मुंबई हमलों (Mumbai Attack) में उसकी कथित भागीदारी के लिए उसके प्रत्यर्पण के बारे में मजिस्ट्रेट जज ने कहा, “(भारत अमेरिका प्रत्यर्पण) संधि राणा के प्रत्यर्पण की इजाजत देती है।” कोर्ट पैनल ने 15 अगस्त को मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि राणा (Tahawwur Rana) द्वारा किए गए अपराध प्रत्यर्ण संधि में आते हैं।
अपने फैसले में, पैनल ने यह भी माना कि भारत ने राणा (Tahawwur Rana) के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत दिए हैं। जजों के तीन पैनल में मिलन डी स्मिथ, ब्रिजेट एस बेड और सिडनी ए फिट्ज़वाटर शामिल थे। तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी नागरिक है, जिस पर मुंबई में बड़े पैमाने पर हमले करने वाले आतंकी संगठनों का समर्थन करने का आरोप है। उसके खिलाफ अमेरिका की एक जिला अदालत में मुकदमा भी चलाया गया, जहां से उसे राहत मिल गई थी।
भारत प्रत्यर्पण की मिली मंजूरी
कोर्ट ने राणा (Tahawwur Rana) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन को मदद करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश रचने के लिए दोषी करार दिया। हालांकि, कोर्ट ने भारत में किए गए हमलों के आरोपों को खारिज कर दिया लेकिन माना कि वह मुंबई आतंकी हमले की साजिश में शामिल रहा था, और उसे भारत प्रत्यर्पण किया जाना चाहिए।
तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) ने कोर्ट में तर्क दिया था कि वह अमेरिकी प्रत्यर्पण संधि के दायरे में नहीं आते हैं और इसी के प्रावधान से पहले उन्हें राहत मिली थी। हालांकि, कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया