गोष्ठी में दो मिनट का मौन
साहित्यिक योगदानों को किया गया याद
फर्रुखाबाद: हास्य कविता (comic poem) को गंभीर साहित्यिक पहचान दिलाने वाले सुप्रसिद्ध पद्मश्री कवि सुरेंद्र दुबे (Surendra Dubey) के आकस्मिक निधन पर बुधवार को ‘अभिव्यक्ति’ संस्था के तत्वावधान में एक शोकसभा का आयोजन किया गया। गोष्ठी में संस्था के सदस्यों व साहित्य प्रेमियों ने दो मिनट का मौन रखकर कवि को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शोकसभा की अध्यक्षता संस्था के संरक्षक नलिन श्रीवास्तव ने की। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र दुबे ने हास्य को केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहने दिया, बल्कि उसे समाज की विसंगतियों को उजागर करने वाला साहित्य का सशक्त माध्यम बनाया।
इस अवसर पर गीतकार प्रेमसागर, संरक्षक संजय गर्ग, समन्वयक उपकार मणि, कोषाध्यक्ष मुकेश गुप्ता, सह-समन्वयक प्रीति पवन तिवारी, संरक्षक महेश पाल सिंह उपकारी, युवा साहित्यकार वैभव सिंह सोमवंशी, दिनेश अवस्थी, कौशलेंद्र बाबू यादव, संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पांडेय सहित अनेक गणमान्य साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने सुरेंद्र दुबे के योगदानों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मंचीय कविता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका लेखन और मंच संचालन आज भी नवोदित कवियों के लिए प्रेरणा है। कार्यक्रम का समापन भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पण के साथ हुआ।