प्रयागराज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रही हैं। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी एक अहम याचिका पर सुनवाई हुई।
यह याचिका आजम खान और सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल द्वारा दाखिल की गई है। इसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट को अंतिम फैसला सुनाने से रोक लगाने की मांग की है।
मामला 2016 के चर्चित बलपूर्वक बेदखली प्रकरण से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि रामपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित संपत्ति को जबरन कब्जे में लेने और बेदखल करने की घटना को अंजाम दिया गया था।
यह केस वर्ष 2019 में दर्ज हुआ था और ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 30 मई 2025 को आदेश पारित किया था। आजम खान और उनके वकील ने इसी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की है।
जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट में आज दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। हालांकि अंतिम आदेश अभी सुरक्षित रख लिया गया है।
यह मामला आजम खान के लिए बेहद संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि उनकी राजनीतिक साख और भविष्य पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।