रामपुर/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर के पूर्व सांसद आज़म ख़ान की जेल से रिहाई एक बार फिर मुश्किलों में फँसती दिखाई दे रही है। आज़म ख़ान को भले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गई हो, लेकिन रामपुर पुलिस ने उनकी रिहाई से ठीक पहले शत्रु सम्पत्ति मामले में नई धाराएँ जोड़ दी हैं।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने अब तक चल रहे मुकदमे में कुछ गंभीर धाराएँ जोड़ते हुए 20 सितंबर को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी का आदेश जारी कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि भले ही हाईकोर्ट से राहत मिली हो, लेकिन नई धाराओं के चलते जेल से बाहर आना इतना आसान नहीं होगा।
कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर एमपी-एमएलए कोर्ट में नई धाराओं के तहत सुनवाई शुरू होती है, तो आज़म ख़ान को फिर से जमानत प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। ऐसे में उनकी तत्काल रिहाई मुश्किल हो सकती है।
गौरतलब है कि आज़म ख़ान पर दर्जनों मामले चल रहे हैं और वह कई महीनों से जेल में हैं। राजनीतिक हलकों में यह खबर जोर पकड़ रही है कि कहीं यह पूरा घटनाक्रम उनकी रिहाई को टालने की रणनीति तो नहीं। अब सबकी नज़रें 20 सितंबर की पेशी पर टिकी हैं।