नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार (Delhi government) की तीखी आलोचना करते हुए 200 मोहल्ला क्लीनिकों (Mohalla Clinics) को बंद करने का आरोप लगाया है। पार्टी का दावा है कि इस कदम से एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा पहल प्रभावित हुई है और सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने हाल ही में 170 क्लीनिक बंद कर दिए हैं, जो इस साल की शुरुआत में बंद किए गए 31 क्लीनिकों के अतिरिक्त हैं।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से लगभग 20,000 दिल्लीवासियों को प्रतिदिन मुफ्त चिकित्सा परामर्श, दवाओं और नैदानिक परीक्षणों की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। भारद्वाज ने प्रशासन पर गुप्त रूप से इन क्लीनिकों को बंद करने का आरोप लगाया, जिसमें मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों ने कर्मचारियों को फोन कॉल और ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दिवाली के त्योहार के साथ मेल खाते इस फैसले ने डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और सहायक कर्मचारियों सहित सैकड़ों बेरोजगार कर्मचारियों के लिए संकट को और बढ़ा दिया।
आप नेता ने भाजपा नेताओं द्वारा किए गए पिछले वादों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने याद दिलाया कि दिल्ली चुनाव के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने आश्वासन दिया था कि कोई भी जन कल्याणकारी योजना बंद नहीं की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि नए ‘आरोग्य मंदिरों’ में इन कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आश्वासन का सम्मान नहीं किया गया है।
पार्टी का तर्क है कि ये बंदियाँ एक सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य मॉडल को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त करने का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिससे शहर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा, जिसमें गरीब पृष्ठभूमि के कई लोग शामिल हैं, सुलभ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से वंचित रह जाता है। ये आरोप राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य नीति और शासन को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद का हिस्सा हैं।


