यूथ इण्डिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। मेला रामनगरिया के सांस्कृतिक पंडाल में आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित सम्मेलन में आजादी की अहमियत पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान में अप्रत्यक्ष रूप से जन-जन की आजादी पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है, और हमें इस आजादी को बचाकर रखना है, जो तमाम कुर्बानियों के बाद देश को प्राप्त हुई थी।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामनारायण आजाद के पौत्र बॉबी दुबे ने कहा कि आजादी के लिए सिर्फ आंदोलन ही नहीं बल्कि कई शहादतें भी दी गईं, और फर्रुखाबाद का इस लड़ाई में अहम योगदान रहा। उन्होंने अपने दादा स्वर्गीय राम नारायण आजाद और अन्य पारिवारिक सदस्यों की संघर्ष की कहानी साझा की, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए पूरी तरह से खुद को समर्पित किया।
कार्यक्रम के संयोजक रितेश शुक्ला ने कहा कि अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पद चिन्हों पर चलकर उनकी पीढ़ी को आगे के संघर्ष की जिम्मेदारी सौंपें। संस्कार भारती के सचिव कुलभूषण श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी को बचाना समय की मांग है। कार्यक्रम में मेला सचिव और अपर जिला अधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को प्रेरणा स्रोत बताते हुए उनके संघर्ष को याद किया। कार्यक्रम का संचालन युवा साहित्यकार वैभव सोमवंशी ने किया, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करते हुए समापन किया।
आजादी को सुरक्षित रखना समय की मांग : भूपेन्द्र प्रताप
