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Thursday, December 5, 2024

आज भी हिन्दी भाषा को भारतीय न्यायालय में वो स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था : शिवओम अंबर

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। नगर के लाल साराएं स्थित फर्रुखाबाद प्रेस क्लब में हिंदी पखवाड़ा के तहत राष्ट्रीय कवि डा. शिवओम अंबर की अध्यक्षता में काव्योत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें कवियों ने राष्ट्रवाद और हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाए जाने की मांग की। कार्यक्रम के दौरान कविगणों ने अधिवक्ता/कवि स्व. ओमप्रकाश दुबे की पुस्तक मुक्तामाल का विमोचन कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान काव्योत्सव के आयोजक व फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेंद्र कुमार अवस्थी ने बाजारवाद व आधुनिकता की चकाचौंध के बीच हिंदी भाषा की दयनीय स्थिति पर कहा कि हिंदी व दूसरी भारतीय भाषाओं के बीच असंवाद की स्थिति बन गयी है, जिसका लाभ उठाकर अंग्रेजी खुद को महारानी बनाये हुए है।
कव्योत्सव की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय कवि डॉ. शिवओम अम्बर ने कहा कि हिन्दी भाषा हमारा गौरव हमारा अभिमान है, हम सभी हिन्दी प्रेमी सरकारों से राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग करते हैं, आज भी हिन्दी भाषा को भारतीय न्यायालय में वो स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। उन्होंने ‘फांकों को भी मस्ती में जीते है, बस्ती बस्ती फरियाद नहीं करते।
सच कहते है अथवा चुप रहते है हम लफ्जों को बर्बाद नहीं करते पंक्तियां पढ़ीं। वरिष्ठ कवि डॉ. संतोष पाण्डेय ने बेटी होकर, बेटे का फज़ऱ् निभाना सचमुच मुश्किल है रचना पढ़ीं। ऐसी बेटी का दुनिया में पाना सचमुच मुश्किल है। किशन साध ने क़ायदे की उड़ान रखता हूँ, अब परों का भी ध्यान रखता हूँ… रचना पढ़ी। छंदकार राम अवतार शर्मा इन्दु ने सपनें जिनको अर्पित हैं वे अपनें कटार कर में थामे अवसर की वाट निहार रहे कब किस विधि से आघात करें पंक्तियां पढ़ीं।
बरेली से आईं कवयित्री पल्लवी सक्सेना ने तेरी चाहत में हद से गुजर जाऊँगी, एक तेरे प्यार में कुछ भी कर जाऊँगी, आईना है मेरा अब ये आँखें तेरी, देख कर उनमें ही मैं संवर जाऊँगी… गजल पढ़ी। कवयित्री गीता भारद्वाज ने नमन तुम्हें करते हैं हिन्दी भारत मां की प्यारी, काव्य कुण्ड में कुंज कली तुम शब्दों की फुलवारी रचना का पाठ किया। उत्कर्ष अग्निहोत्री ने इस तरह जीने का सामान जुटाता क्यूँ है, ख़र्च करना ही नहीं है तो कमाता क्यूँ है.. गज़़ल पढ़ीं। राम शंकर अवस्थी ने कृष्ण राधिका को समर्पित छंद पढ़े। दिलीप कश्यप ने भगत सिंह को समर्पित देश भक्ति को कविता पढ़ीं। संयोजक राम मोहन शुक्ल श्रृंगार रस की कविता पढ़ीं।
डॉ. पीडी शुक्ला, प्रीति तिवारी, उपकार मणि आदि ने भी काव्य पाठ किया। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया एसोशिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश के रचनाकार हिन्दी भाषा के पक्ष में जागरण का काम कर रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में साहित्यकारों, कविगणों, पत्रकारों को प्रमाणपत्र/शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन वैभव सोमवंशी ने किया। इस दौरान संजय गर्ग, रोहित, महेश पाल उपकारी, सुशील मिश्रा, विपिन अवस्थी, रविंद्र भदौरिया, दीपक सिंह, इमरान हुसैन, अंचल दुबे, जितेंद्र दुबे, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, मोहनलाल गौड़ आदि मौजूद रहे।

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