लखनऊ| राजधानी में रविवार की तड़के एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यात्रियों से भरी एक प्राइवेट बस देखते ही देखते आग का गोला बन गई। बस दिल्ली से गोंडा जा रही थी और उसमें कुल 39 यात्री सवार थे। सुबह करीब 4:45 बजे काकोरी थाना क्षेत्र में टोल प्लाजा से लगभग 500 मीटर पहले बस के पिछले हिस्से से धुआं उठता देख चालक ने तत्काल वाहन को सड़क के किनारे रोक दिया। चालक की तत्परता और सूझबूझ से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। हालांकि, बस (BR28P6333) पूरी तरह जलकर राख हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस में आग लगते ही यात्रियों में भगदड़ मच गई और चीखपुकार गूंज उठी। चालक और परिचालक ने बिना समय गंवाए सभी सवारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। यात्रियों ने भी मिलकर बस में रखे अपने सामान को बाहर निकालने में मदद की। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है।
घटना की सूचना मिलते ही काकोरी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश राठौर और चौकी इंचार्ज मोबीन अली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और राहत कार्य शुरू किया। लगभग आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया। तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी और केवल ढांचा ही बचा था।
इंस्पेक्टर सतीश राठौर ने बताया कि बस चालक की समझदारी से बड़ा हादसा टल गया। यदि थोड़ी भी देर होती तो जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता था। सभी यात्रियों को दूसरी बस की व्यवस्था कर गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। घटना के कारण कुछ देर के लिए एक्सप्रेसवे पर यातायात बाधित रहा, लेकिन पुलिस और यूपीडा कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए जल्द ही आवागमन सामान्य करा दिया।
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि लंबे रूटों पर चलने वाली बसों की फिटनेस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की नियमित जांच कितनी जरूरी है। यात्रियों ने प्रशासन से मांग की है कि निजी बसों की समय-समय पर जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।






