(सर्पमित्र डॉ आशीष ने करैत सांप को रेस्क्यू कर देर रात्रि में ही वन क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा)
प्रवीन कुमार
इटावा: थाना सिविल लाइन्स क्षेत्र के अंतर्गत बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) कृषि अभियांत्रिकी एवम प्रौद्योगिकीमहाविद्यालय, इटावा (Etawah) के विशाल 141.2 एकड़ के हरे भरे विशाल परिसर में कभी कभी खतरनाक जीव जन्तु निकल ही आते है। इसी क्रम में बारिश के बाद परिसर में स्थापित सी वी पॉल छात्रावास में देर रात्रि लगभग 10 बजे एक बेहद ही खतरनाक साइलेंट किलर सांप (snake) करैत हॉस्टल की बाहरी दीवार के पास आकर छिपकर बैठ गया था जिसे अचानक से हॉस्टल की लाइट चली जाने के बाद गर्मी से परेशान होकर टहलने बाहर निकले छात्रों ने मोबाइल की रोशनी में देख लिया।
तभी सांप की खबर सुनकर अन्य सभी छात्र भी दौड़कर कमरों से बाहर आ गए फिर छात्र शिवम ने महाविद्यालय परिसर में विगत वर्ष 2024 के फरवरी माह में माननीय कुलपति,कृषि विश्विद्यालय,कानपुर प्रो0 आनन्द कुमार सिंह के कुशल दिशा निर्देशन में विश्विद्यालय के कुलपति के अनुमोदन उपरांत डीन डॉ एन के शर्मा के द्वारा छात्रहित के प्रयासों के क्रम में स्थापित की गई वन्यजीव रेस्क्यू हेल्पडेस्क प्रभारी वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष को हॉस्टल में एक खतरनाक सांप के मौजूद होने की सूचना छात्र शिवम अग्रहरी द्वारा उनके व्हाट्सएप नंबर 7017204213 पर एक फोटो भेजकर दी।
दूसरी सूचना डीन कृषि इंजीनियरिंग कालेज द्वारा भी सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को फोन पर तत्काल ही दी गई। जिसका संज्ञान लेते हुए डॉ आशीष ने देर रात्रि में ही तुरंत मौके पर जाकर बड़ी मशक्कत से अंधेरे में ही कई मोबाइल की रोशनी में उस खतरनाक करैत सांप को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर लिया । रेस्क्यू के बाद मौके पर मौजूद छात्रों ने राहत की सांस ली और तालियां बजाकर सर्पमित्र डॉ आशीष का तत्काल मदद के लिए विशेष अभिवादन किया।
छात्रों को किया गया जागरूक दी गई सर्पदंश की विशेष जानकारी
मौके पर पहुंचे वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने रेस्क्यू के बाद सभी उपस्थित सभी छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि, बरसात के मौसम में आप सभी थोड़ा सा सावधान रहें और अपने आस पास हमेशा देखकर ही बैठे या सोएं। उन्होंने बताया कि ये लगभग 3 फीट लम्बा न्यूरोटॉक्सिक वेनम धारी बेहद ही खतरनाक सांप करैत था जिसके काट लेने पर समय से इलाज न लेने पर मृत्यु भी हो जाती है उन्होंने सभी को जानकारी देते हुए यह भी बताया कि, कभी भी सर्पदंश होने पर किसी को भी घबराना नही चाहिए बल्कि जल्दी से काटे हुए स्थान से ह्रदय की ओर एक हल्की सी पट्टी लपेटकर नजदीक ही बने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 3 नंबर कमरे में पहुंच जाना चाहिए।
हर प्रकार के सर्पदंश का शत प्रतिशत सुरक्षित इलाज जनपद के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद है साथ ही कहा कि,किसी भी प्रकार के वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने पर भारतीय वन्यजीव अधिनियम की धारा 1972 के तहत कड़ी सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है अतः कभी भी उन्हें न मारें बल्कि तत्काल हमें सूचना दें। करैत सांप को सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी, इटावा के दिशा निर्देशन में सुरक्षित प्राकृतवास में ले जाकर छोड़ दिया गया।
ज्ञात हो कि सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी जनपद इटावा में यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा और वन विभाग के सहयोग से इससे पूर्व भी कई सैकड़ा वन्यजीवों को पिछले कई वर्षों से सुरक्षित उनके प्राकृतवास में ले जाकर छोड चुके है साथ ही साथ जनपद इटावा की जनता सहित जनपद के विभिन्न स्कूली छात्र छात्राओं को पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के साथ साथ सर्पदंश से बचाव के लिए भी लगातार जागरूक करते रहते है।
रेस्क्यू हेल्पडेस्क पर कॉल से सभी को मिल रही है विशेष सुविधा और सुरक्षा
डॉ आशीष त्रिपाठी की संस्था ओशन द्वारा जनपद में चलाई जा रही विशेष नि:शुल्क स्नेक बाइट हेल्पलाइन से जनपद की जनता अब सर्पदंश होने पर डॉ आशीष से तत्काल संपर्क कर नि:शुल्क सहायता पाकर अपने आपको 100% सुरक्षित महसूस करती है और इसी के साथ संस्था ओशन के महासचिव डॉ आशीष त्रिपाठी जनपद इटावा में राज्य आपदा (सर्पदंश) को नियंत्रित करने में अपनी बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा कर रहे है।