– लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समान सम्मान और सुविधाएं देने की उठेगी मांग
फर्रुखाबाद। आपातकालीन लोकतंत्र सेनानी समिति 25 जून को लखनऊ स्थित प्रेस क्लब सभागार में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन करने जा रही है, जिसमें वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल के विरोध में लोकतंत्र समर्थक अपनी आवाज बुलंद करेंगे। इस कार्यक्रम में फर्रुखाबाद जनपद की भी सक्रिय और प्रभावी भागीदारी रहेगी।
इसकी जानकारी समिति के प्रदेश अध्यक्ष बृज किशोर मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा सत्ता और कुर्सी बनाए रखने की मंशा से देश में आपातकाल लागू कर दिया गया था। उस समय देश के विचारकों, बुद्धिजीवियों और विपक्ष के नेताओं को मीसा (MISA) और डीआईआर (DIR) जैसे कठोर कानूनों के अंतर्गत जेलों में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह देश की आज़ादी और लोकतंत्र पर सीधा हमला था, जिसने संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों को कुचल डाला।
बृज किशोर मिश्रा ने बताया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, अन्ना हजारे सहित कई लोकतंत्र सेनानियों को गंभीर यातनाएं दी गईं, यहां तक कि शांति और नैतिकता के प्रतीक आचार्य विनोबा भावे तक को अपमानित किया गया। लेकिन अंततः लोकशक्ति की जीत हुई और देश में पुनः लोकतंत्र की बहाली हुई।
उन्होंने जानकारी दी कि 25 जून 2025, बुधवार को शाम 4 बजे प्रेस क्लब, लखनऊ (बाबू के.डी. सिंह स्टेडियम के सामने) में आयोजित गोष्ठी के दौरान लोकतंत्र सेनानियों द्वारा प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा जाएगा।
इस मांग पत्र में निम्नलिखित प्रमुख माँगें शामिल होंगी:
लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समान सभी सुविधाएं एवं सम्मान दिया जाए।
सभी जनपद मुख्यालयों पर लोकतंत्र सेनानियों की स्मृति में विजय स्तंभ की स्थापना की जाए।
आपातकाल के दौर को स्कूल व विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उस काले अध्याय को जान सकें।
तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्राण देने वाले लोकतंत्र सेनानियों को शहीद का दर्जा दिया जाए।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिजनों को लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष ने सभी लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिजनों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस गोष्ठी में सम्मिलित हों और लोकतंत्र की रक्षा के इस ऐतिहासिक संघर्ष की स्मृति को जीवंत बनाए रखें।जनपद से भी कई लोकतंत्र सेनानी एवं उनके परिवारजन लखनऊ जाने की तैयारी में हैं। स्थानीय स्तर पर भी जनजागरण एवं स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाने की संभावना जताई जा रही है।