राकेश टिकैत ने किया नेतृत्व, मुआवजा, बिजली, पानी और अधिग्रहण विवादों पर गरजे किसान
लखनऊ: राजधानी के BKT (बख्शी का तालाब) रामलीला मैदान में बुधवार को किसानों (farmers) की बड़ी महापंचायत आयोजित की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया। महापंचायत में हजारों किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद की।
किसानों ने कहा कि अधिग्रहित जमीन का मुआवजा आज भी कई गांवों में लंबित है। अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित मूल्यांकन की मांग दोहराई गई। किसानों ने बताया कि समय पर खाद उपलब्ध न होने और सिंचाई हेतु पानी की कमी ने फसल उत्पादन पर बड़ा प्रभाव डाला है। महापंचायत में स्मार्ट मीटर लगाने का खुलकर विरोध किया गया। किसानों ने कहा कि इन मीटरों से बिल अनियंत्रित बढ़ रहे हैं और लगातार होने वाली बिजली कटौती खेती के लिए घातक है।
किसानों ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में नहरों की सफाई न होने से सिंचाई बाधित होती है। अवैध कब्जों को हटाने की मांग भी उठाई गई। किसानों ने कहा कि आंदोलन में शामिल होने पर 25 से अधिक किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे अनुचित हैं। उन्होंने इन मामलों को वापस लेने की मांग की।
महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि—
“किसानों की समस्याओं का समाधान मैदान में नहीं, सरकार की नीतियों में बदलाव से होगा। किसानों पर मुकदमे दर्ज करने से आंदोलन नहीं रुकेगा।”
उनकी बातों पर उपस्थित किसानों ने जोरदार समर्थन जताया। किसानों ने कहा—समस्या का हल चाहते हैं, संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे, महापंचायत शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, लेकिन किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, वे संघर्ष जारी रखेंगे।


