– 400 से अधिक पुलिस जवानों ने योग, धूप स्नान, आहार चिकित्सा और मधुमेह जागरूकता सत्र में लिया हिस्सा
फर्रुखाबाद: अष्टम राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (National Naturopathy Day) के अवसर पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी (National Institute of Naturopathy) (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) एवं इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से पुलिस लाइन फतेहगढ़ में भव्य प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग शिविर का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं रेड क्रॉस सोसाइटी के संयुक्त प्रयासों से आयोजित इस कार्यक्रम में 400 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भाग लेकर स्वास्थ्य और जागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं श्रीमती वंदना द्विवेदी, धर्मपत्नी जिलाधिकारी फर्रुखाबाद श्री आशुतोष द्विवेदी। उनके साथ ही जाने-माने चिकित्सक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव (फिजिशियन एवं डायबिटोलॉजिस्ट), श्री शीश मल्होत्रा (वाइस चेयरमैन, रेड क्रॉस सोसाइटी), श्री अंजुम दुबे, तथा जिला ताइक्वांडो एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अजय कुशवाहा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
सभी अतिथियों ने पुलिस जवानों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि बताते हुए प्राकृतिक चिकित्सा को दैनिक जीवन में अपनाने पर जोर दिया। शिविर का संचालन योगाचार्य अमित सक्सेना (योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सलाहकार एवं प्रशिक्षक, जिला समन्वयक ) के निर्देशन में हुआ। अभ्यास किया। प्रतिभागियों ने सीखा कि किस प्रकार प्राकृतिक चिकित्सा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और मानसिक तनाव कम करने में अत्यंत सहायक है।
मुख्य अतिथि श्रीमती वंदना द्विवेदी ने कहा कि आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में प्राकृतिक चिकित्सा रोगों से बचाव का सुरक्षित, सरल और वैज्ञानिक तरीका है। उन्होंने जवानों को प्रतिदिन योग और धूप स्नान को जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों के लिए विशेष मधुमेह जागरूकता एवं परामर्श सत्र आयोजित किया। उन्होंने बताया कि तनाव, अनियमित दिनचर्या एवं नींद की कमी मधुमेह बढ़ाने में प्रमुख कारक हैं।
योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं नियंत्रित आहार मधुमेह प्रबंधन में अत्यंत प्रभावी हैं। उन्होंने जवानों को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और संतुलित जीवनशैली अपनाने की भी सलाह दी। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में चल रहे राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पखवाड़ा के अंतर्गत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।


