-फर्जी पत्रकारिता के जरिए अवैध वसूली का खेल, पत्रकारिता की गरिमा पर चोट।
यूथ इण्डिया, संवाददाता
छिबरामऊ (कन्नौज): पेशे से अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता गौरव त्रिपाठी अमर ने पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन से विधिक कार्रवाई की मांग की है। गौरव त्रिपाठी ने एक विस्तृत शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से उनकी संस्था द्वारा मीडिया (journalist) मित्र कार्यक्रम चलाया गया था, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने भाग लेकर मीडिया के प्रति जागरूकता प्राप्त की। कई युवा आज भी ईमानदारी के साथ इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
लेकिन इसी क्रम में गोपाल नगर, निगम मंडी के पास रहने वाला राशिद रज़ा नामक युवक पत्रकारिता का दुरुपयोग कर रहा है। आरोप है कि राशिद रज़ा द्वारा फर्जी आईकार्ड के सहारे भोले-भाले नागरिकों से अवैध वसूली की जा रही है। शुरुआत में ‘आलू मंडी के भाव’ नामक यूट्यूब चैनल के माध्यम से इसने मीडिया में कदम रखा, लेकिन अब उसका काम ब्लैकमेलिंग तक पहुंच चुका है।
गौरव त्रिपाठी का आरोप है कि राशिद रज़ा स्वयं को ‘हिन्दुस्तान’ अखबार का पत्रकार बताकर लोगों को भ्रमित करता है। इस फर्जी पहचान का प्रचार-प्रसार वह अपने व्हाट्सएप डीपी और फेसबुक पेज पर करता है। इसके साथ ही ‘आज तक’ न्यूज चैनल की नकल कर बनाए गए ग्राफिक डिजाइनों से भी जनता को गुमराह किया जा रहा है।
यहां तक कि फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी की तस्वीर का भी दुरुपयोग कर व्यक्तिगत छवि बनाने की कोशिश की गई है। इतना ही नहीं, राशिद रज़ा पर यह भी आरोप है कि उसने पांच वर्ष पूर्व गौरव त्रिपाठी से व्यवसाय हेतु सहायता ली थी, लेकिन न ही उस धन का कोई हिसाब दिया और न ही उसे लौटाया। उल्टा सोशल मीडिया और व्यक्तिगत बातचीत में ब्राह्मण-मुस्लिम जैसे विवादित और विभाजनकारी बातें कर सामाजिक माहौल को खराब करने का प्रयास किया।
एक अन्य मामले में ग्राम समाज की जमीन से जुड़े विवाद पर राशिद रज़ा द्वारा एक पक्ष का वीडियो फेसबुक पर डाला गया और फिर आरोपित का भी बयान वीडियो पोस्ट किया गया। लेकिन जैसे ही मामला जांच के दायरे में आया, दोनों वीडियो अचानक फेसबुक से हटा या हाइड कर दिये गए। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में पैसे लेकर वीडियो हटाने की बात सामने आ रही है।
गौरव त्रिपाठी ने मांग की है कि राशिद रज़ा द्वारा बाइक, आईकार्ड, यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और प्रिंटिंग प्रेस पर‘पत्रकार’ लिखना क्या वैध है, इसकी जांच की जाए। साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदार पेशा है, जिसमें नैतिकता, निष्पक्षता और पारदर्शिता अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति फर्जी पहचान का उपयोग करता है, तो उस पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 318, 336, 338 के अंतर्गत कार्यवाही की जानी चाहिए। शिकायत के साथ कुछ साक्ष्य भी प्रशासन को सौंपे गए हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यदि दोष सिद्ध हो, तो दोषियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि पत्रकारिता की गरिमा बनी रहे और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मजबूत हो सके।