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Saturday, July 12, 2025

करथिया कांड को 5 साल पूरे, CM योगी की विकास घोषणा के बाद भी गांव आज भी पिछड़ा

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बंधक कांड के बाद स्मार्ट गांव बनाने का किया गया था वादा, लेकिन हालात जस के तस

हृदेश कुमार

फर्रुखाबाद। भोजपुर विधानसभा सीट के करथिया गांव, जहां 30 जनवरी 2020 को हुए बंधक कांड ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था, आज भी विकास से कोसों दूर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद गांव के संपूर्ण विकास की घोषणा की थी, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। करथिया गांव भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है, जहां के वर्तमान विधायक नागेंद्र सिंह राठौर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वादे सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

जनता जागृति सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। संगठन ने इस कांड की सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने सुभाष और उसकी पत्नी रूबी को सकुशल निकाल लिया था, लेकिन बाद में उनकी हत्या कर दी गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि प्रदेश सरकार ने बिना किसी जांच के ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इनाम देकर सम्मानित कर दिया था।

स घटना में मारे गए सुभाष और उसकी पत्नी रूबी की डेढ़ वर्षीय बेटी गौरी को तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल ने गोद लेने की घोषणा की थी। उन्होंने गौरी के नाम पर ₹1 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भी कराई थी और उसे आईपीएस अधिकारी बनाने का वादा किया था। गौरी वर्तमान में कानपुर में पुलिस की देखरेख में शिक्षा प्राप्त कर रही है। हालांकि, कुछ समय बाद आईजी अग्रवाल ने इस मामले से संबंधित कोई जानकारी या फोटो सार्वजनिक नहीं की, जिससे इस वादे की प्रगति को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

घटना के बाद तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने एक माह में करथिया को स्मार्ट गांव बनाने की घोषणा की थी। लेकिन पांच साल बाद भी गांव की सड़कें टूटी पड़ी हैं, जल निकासी की समस्या बनी हुई है, और बिजली आपूर्ति भी संतोषजनक नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है, और सरकार द्वारा किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं किया गया है।

इलाके के निवासियों का कहना है कि घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे, लेकिन कोई निष्पक्ष जांच नहीं हुई। गांव में अब भी कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि गांव के विकास कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए और गौरी की शिक्षा और भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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