आगरा। मथुरा के वृंदावन में रामलीला मंचन में माता सीता व अन्य किरदार निभाने वाले कलाकारों को लेकर भागवत प्रवक्ता इंद्रदेव महाराज (Indradev Maharaj ) ने व्यास गद्दी पर बैठकर बेहद शर्मनाक टिप्पणी की है। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
शुक्रवार को कथावाचक के खिलाफ लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। विरोध के बाद कथावाचक ने खुद के द्वारा की अमर्यादित टिप्पणी पर खेद जताते हुए बयान को मात्र हास्य व्यंग्य बता दिया। इसको लेकर लोगों में और आक्रोश पनप गया।
परिक्रमा मार्ग में श्री राधा किशोरी धाम आश्रम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव महाराज (Indradev Maharaj ) की जो वीडियो वायरल हो रहा है। उसको लेकर बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के वक्त व्यास गद्दी से रामलीला के पात्रों पर टिप्पणी की थी, जिसकी वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा है कि महामंडलेश्वर इंद्रदेव (Indradev Maharaj ) ने जिस प्रकार रामलीला के प्रभु श्रीराम और माता सीता के अलावा अन्य पात्रों के बारे में अनर्गल भाषा का प्रयोग करते हुए व्यास मंच से बोला है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले भी यह ऐसे विवाद में घिर चुके हैं। धर्म रक्षा संघ किसी भी सूरत में इन्हें क्षमा नहीं करेगा। उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद जताते हुए यह कहा है कि वह मात्र हास्य व्यंग था। क्या व्यास गद्दी हास्य व्यंग करने को होती है। यह गद्दी के सम्मान और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है। इस संबंध में जल्द ही संतों की एक धर्म सभा बुलाई जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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इधर, श्री श्यामा-श्याम लीला संस्थान के सभागार में श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री (ठाकुर जी) की अध्यक्षता में धर्माचार्य एवं रासबिहारी स्वामी परिकर की संगोष्ठी हुई। इसमें महामंडलेश्वर इंद्रदेवेश्वरानंद (Indradev Maharaj ) द्वारा व्यासपीठ से श्री राम एवं सीता जी के संबंध में की गई अभद्र एवं अशोभनीय टिप्पणी पर रोष व्यक्त किया गया। इस मौके पर केडी गोस्वामी, गोपीनाथ गोस्वामी, डॉ. मनोज मोहन शास्त्री, पूरन प्रकाश कौशिक, स्वामी हरिवल्लभ शर्मा, गोपाल दास ने कहा कि समाज का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी को ज्ञापन भी देगा। इस मौके अशोक व्यास ‘रामायणी’, विपिन बापू, वीरेंद्र शर्मा, स्वामी नूतन कृष्ण, विनय पाठक, नरेंद्र पाठक आदि मौजूद थे।
कथावाचक की सफाई
इंद्रदेव महाराज (Indradev Maharaj ) का कहना है कि उनके द्वारा व्यास पीठ से जो बयान दिया गया उसे कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उनका कहने का आशय था कि जिस तरह से रामलीला के दौरान कुछ पात्र पर्दे के पीछे इस तरह की हरकत करते हैं और मंच पर लोग उनकी पूजा करते हैं। जब लोगों को यह हकीकत पता चलती है तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है।
उन्होंने ऐसे छद्म वेश धारियों से सावधान रहने के लिए भक्तों को आगाह किया था। न कि किसी की आस्था को ठेस पहुंचे, फिर भी यदि किसी को उनकी बात से ठेस पहुंची हो तो वह उसके लिए क्षमा मांगते हैं।