लातूर (Latur) जिले के 100 से अधिक किसानों ने शनिवार को दावा किया कि वक्फ बोर्ड (Wakf Board) उनकी उस जमीन हड़पने का प्रयास कर रहा है, जिस पर वे कई पीढ़ियों से खेती करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दावा छत्रपति संभाजीनगर स्थित महाराष्ट्र राज्य वक्फ अधिकरण में दायर किया गया है और कुल 300 एकड़ जमीन रखने वाले 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए है।
किसान तुकाराम कनवटे ने कहा, “ये जमीनें पीढ़ियों से हमें विरासत में मिली हैं। ये वक्फ संपत्ति नहीं है। हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे। इस मामले पर अदालत में दो सुनवाई हो चुकी हैं और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है।
मोदी सरकार ने पेश किया संशोधन विधेयक
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था, ताकि वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित किया जा सके। इसकी संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है।
देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड
देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें कुछ राज्यों जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग शिया और सुन्नी बोर्ड हैं। जबकि कई राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अभी तक वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ है। इन बोर्डों का समन्वय केंद्रीय वक्फ काउंसिल करती है, जो अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
बता दें कि वक्फ बोर्ड की जबरदस्ती जमीन कब्जा करने का यह कोई पहला मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले भी देश के कई राज्य़ों में अनगिनत बार बोर्ड के खिलाफ शिकायतें मिल चुकी है। वर्ष 2022 में तो तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुचिरापल्ली (Tiruchirappalli) के तिरुचेंथुरई गांव मे स्थित 1500 साल पुराने मंदिर के साथ ही पूरे गांव को ही हड़पने के लिए दावा ठोक दिया था। इसकी जानकारी संसद भवन में खुद अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने दी थी। किरण रिजिजू ने बताया कि, हिंदू आबादी वाले इस पूरे गांव को ही वक्फ बोर्ड ने वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया था। जबकि, ये गांव 1500 साल पुराना है। सबसे बड़ी बात कि इस हिंदू आबादी वाले गांव में मुस्लिम आबादी का इतिहास ही नहीं रहा है। मंदिर और उसके आसपास मंदिर की 369 एकड़ संपत्ति है।