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Wednesday, December 31, 2025

4137 करोड़ की माफिया संपत्ति जब्त, 2025 मे सबसे ज्यादा अपराधी मुठभेड़ में ढेर : डीजीपी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते वर्ष अपराध, आतंकवाद, माफिया, साइबर अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त और प्रभावी कार्रवाई कर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने लखनऊ (Lucknow) स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ संगठित अपराध पर निर्णायक प्रहार किया है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि नए वर्ष में पुलिस विभाग का मुख्य फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम पर रहेगा।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि बीते साढ़े आठ वर्षों में पुलिस ने 266 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ों में ढेर किया है, जबकि 10,990 अपराधी घायल हुए हैं। इस दौरान कर्तव्य निभाते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 पुलिसकर्मी घायल हुए। इसी अवधि में 33 हजार से अधिक इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 68 माफिया और उनके गिरोहों पर शिकंजा कसा गया, जिनकी 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त की गई। इसमें माफिया डॉन अतीक अहमद की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी शामिल है।

भ्रष्टाचार के मामलों में भी यूपी पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पिछले तीन वर्षों में 687 ट्रैप की कार्रवाई की गई, जिनमें वर्ष 2025 में ही 41 सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। डीजीपी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

डीजीपी ने दावा किया कि प्रदेश में बीते साढ़े आठ वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ, जो कानून व्यवस्था के लिहाज से बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 2016 की तुलना में 2025 में डकैती की घटनाओं में करीब 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 69 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है। एनसीआरबी के वर्ष 2023 के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अपराध के मामलों में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर 20वें स्थान पर है और कई गंभीर अपराधों में प्रदेश की अपराध दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। अपराधियों को त्वरित सजा दिलाने के उद्देश्य से शुरू किए गए ऑपरेशन अभियोजन के भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मिशन शक्ति केंद्रों की स्थापना के बाद बलात्कार, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा और महिलाओं व बच्चों के अपहरण जैसे मामलों में तीन महीनों के भीतर 34 प्रतिशत तक की कमी आई है।

साइबर अपराध के मोर्चे पर वर्ष 2025 में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई, जबकि 77,621 मोबाइल नंबर और 17,692 आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए गए। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने 12,800 करोड़ रुपये से अधिक कीमत के मादक पदार्थ जब्त किए और 21 अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार पर भी कड़ी कार्रवाई की गई।

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र करते हुए डीजीपी ने बताया कि एटीएस ने हिजबुल मुजाहिदीन, अल कायदा इंडिया सब-कॉन्टिनेंट, जैश-ए-मोहम्मद, खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क, आईएसआई एजेंटों और नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। वर्ष 2025 में पुलिस और अपराधियों के बीच सबसे अधिक मुठभेड़ हुईं और अकेले इसी वर्ष 48 अपराधी पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारे गए।

डीजीपी ने यह भी बताया कि वर्ष 2025 अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए भी जाना जाएगा। इस दौरान 475 एफआईआर दर्ज की गईं और 855 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बलरामपुर में छांगुर और आगरा में अंतरराज्यीय अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट के मामले सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। अंत में डीजीपी राजीव कृष्ण ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीक, पारदर्शिता और सख्ती के बल पर कानून व्यवस्था को और मजबूत करेगी, ताकि आम जनता खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।

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