वाराणसी: वाराणसी पुलिस (Varanasi police) ने उत्तर प्रदेश में सक्रिय कोडीन आधारित कफ सिरप (Codeine-based cough syrups) की तस्करी करने वाले गिरोह के कथित सरगना शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है। उसके फरार चार साथियों के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी किए गए हैं। आरोपियों को एनडीपीएस अधिनियम, वित्तीय धोखाधड़ी और कानून की अन्य गंभीर धाराओं के तहत वांछित घोषित किया गया है। नामजद आरोपियों में शुभम जायसवाल, अमित जायसवाल, दिवेश जायसवाल और आकाश पाठक शामिल हैं।
पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी में तेजी लाने के लिए विशेष अलर्ट जारी किए हैं। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने अमित, दिनेश और आकाश के नाम से कई फर्जी दवा कंपनियां स्थापित की थीं। इन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल कथित तौर पर कोडीन आधारित कफ सिरप के अवैध भंडारण और तस्करी के लिए किया जाता था। फरार आरोपियों का पता लगाने के लिए लखनऊ में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया है। पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी अमित सिंह टाटा और बर्खास्त कांस्टेबल आलोक सिंह की रिमांड के दौरान कई अहम खुलासे हुए।
दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि लखनऊ में मादक कफ सिरप के भंडारण के लिए एक गोदाम बनाया गया था। गोमती नगर एक्सटेंशन इलाके में एक तहखाना किराए पर लिया गया था और फर्जी कंपनियों के नाम पर भंडारण सुविधा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस का मानना है कि सिरप की तस्करी इसी गोदाम से नेपाल और बांग्लादेश की जाती थी। आरोपियों से जुड़े बैंक खातों की जांच से लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, सोनभद्र और धनबाद की कंपनियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन का पता चला। दो दवा कंपनियां जाली दस्तावेजों पर चल रही थीं, जिनमें से एक गोमती नगर एक्सटेंशन के पते पर पंजीकृत थी।
सूत्रों के अनुसार, आलोक, अमित और शुभम जायसवाल के एक करीबी सहयोगी ने गोदाम किराए पर लिया था। पुलिस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए छापेमारी जारी रखे हुए है। इस मामले ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है। जांच एजेंसियां अब अन्य संभावित कड़ियों की जांच कर रही हैं।


