लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री श्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने नई दिल्ली में आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में प्रदेश की ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में राज्यों की ऊर्जा जरूरतों, विकास योजनाओं और संभावित सुधारों पर विचार-विमर्श किया गया।
मंत्री श्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि आरडीएसएस योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने पिछले दो वर्षों में 62% भौतिक और 47% वित्तीय प्रगति के साथ देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, ढांचागत सुधारों और लाइन हानियों में कमी के प्रयासों में भी राज्य शीर्ष पर रहा है। वर्ष 2024 में राज्य ने एटी एंड सी हानियों को घटाकर 16.5% तक लाने में सफलता पाई है।
गर्मी के चरम मौसम में प्रदेश में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखी गई। 13 जून 2024 को राज्य में 30,618 मेगावाट और 17 जून 2024 को 659.59 मिलियन यूनिट बिजली की मांग को पूरा किया गया, जो देश में सर्वाधिक थी।
नवीकरणीय ऊर्जा और भविष्य की योजनाएं
श्री शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2034 तक की योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया है। सोलर पार्कों और रूफटॉप सोलर पैनलों के साथ जैव ऊर्जा के उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी बना है। प्रदेश सीबीजी उत्पादन में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर में तीन अग्रणी राज्यों में शामिल है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। बिजली की आपूर्ति में सुधार और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अनुरक्षण माह का प्रावधान किया गया है।
वित्तीय सुधार और उपभोक्ता सेवाओं में सुधार
बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, जिसमें बिल संग्रहण और राजस्व अर्जन में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। अब उपभोक्ताओं को मोबाइल एप और पोर्टल के माध्यम से शिकायत निवारण की सुविधाएं उपलब्ध हैं, और ‘संभव’ पोर्टल पर ऊर्जा मंत्री के निर्देशन में समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाता है।
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री नरेंद्र भूषण, यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल, और एमडी श्री पंकज कुमार ने भी भाग लिया।