आध्यात्म और साहित्य के संगम से मिलती है कथा को पूर्णता- निर्मल जी महाराज

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फर्रुखाबाद। ऋषि समाज सेवा संस्थान की ओर से हुई भागवत कथा का समापन साहित्यिक कार्यक्रम के साथ हुआ। इस मौके पर कथा पंडाल में हवन यज्ञ हुआ जिसमें कथा व्यास गंगोत्री जी निर्मल जी महाराज मुजफ्ऊ नगर ने हवन आगे करवाया। इसके बाद वरिष्ठ कवि महेश पाल सिंह उपकारी की अध्यक्षता में आध्यात्मिक काव्यगोष्ठी के आयोजन के साथ कथा का विराम हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुए कथा व्यास गंगोत्री जी महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक अनुष्ठान की पूर्णता मालूम पड़ रही है जब साहित्यिक आयोजन के साथ कथा विराम को प्राप्त कर रही है उन्होंने सभी भक्तों से आवाहन किया के आध्यात्मिक गायन के बाद मुरारी बापू जी की परंपरा को कायम रखते हुए समापन पर आध्यात्मिक आयोजन आवश्यक रूप से रखें जो की कथा को पूर्णता प्रदान करता है। इस मौके पर कथा व्यास को सम्मानित करूं किया गया।
इस मौके पर दीप संस्था अध्यक्ष निमिष टंडन, भक्ति रस की कवियत्री सुश्री स्मृति अग्निहोत्री, युवा कवि वैभव सोमवंशी, हास्य रस के कवि राम मोहन शुक्ला, कवि एवं पत्रकार उपकार मणि उपकार, वरिष्ठ रचनाकार श्रीमती प्रीति पवन तिवारी, कार्यक्रम अध्यक्ष महेश पाल सिंह उपकारी ने अपनी रचनाओं से आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना के जागरण का शंखनाद किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रीति पवन तिवारी की वाणी वंदना से हुई और संचालन वैभव सोमवंशी ने किया। मुख्य आयोजक ऋषि दत्त शर्मा गुड्डू पंडित व संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पांडेय सभी को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया। इस मौके पर बड़ी तादाद में श्रोताओं की मौजूदगी ने कार्यक्रम को सफल बनाया। संघ के प्रचारक विजय अवस्थी, कैलाश चंद्र मिश्रा, नारायण दत्त द्विवेदी, आदित्य मिश्रा, प्रवक्ता अखिलेश पांडेय, संस्कार भारती के विभाग संयोजक अरविंद दीक्षित समेत बड़ी संख्या में श्रोता देर रात डटे रहे।

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