महिलाओं के नाम संपत्ति खरीद में गिरावट, भरोसे की कमी

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बरेली| महिलाओं के नाम संपत्ति खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में एक फीसदी की छूट देने के बावजूद पिछले चार वर्षों में इस दिशा में गिरावट देखी गई है। निबंधन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में महिलाओं के नाम 31,114 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई थी, जो 2023-24 में घटकर 25,087 हो गई। वित्त वर्ष 2024-25 में यह संख्या 21,176 और अक्टूबर 2025 तक 19,139 पर पहुँच गई।
एआईजी स्टांप तेज सिंह यादव ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार महिलाओं के नाम से रजिस्ट्री पर एक फीसदी छूट दी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संपत्ति किसके नाम पर होगी, यह पूरी तरह खरीदार के निर्णय पर निर्भर करता है और इस मामले में किसी प्रकार का दबाव नहीं डाला जाता।
विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं के नाम रजिस्ट्री में गिरावट का मुख्य कारण महिला और पुरुष के बीच भरोसे का संकट है। टेलीमानस पर लगातार ऐसे कॉल आते रहते हैं, जिनमें पत्नियों की सोशल मीडिया गतिविधियों, फोन पर अधिक समय बिताने और ससुराल पक्ष के साथ कम समय बिताने जैसी शिकायतें दर्ज हैं। छोटे-छोटे झगड़े और ताने-मारने की घटनाओं ने भी वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ाया है।अध्ययन और स्थानीय सामाजिक व्यवहार विश्लेषण से पता चला है कि पुरुषों पर महिलाओं द्वारा शक के मामले अपेक्षाकृत कम दर्ज किए गए हैं। इसके कारण, कई परिवारों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने की प्रवृत्ति कम हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल महिलाओं की संपत्ति अधिकारों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि सामाजिक और वैवाहिक संबंधों की मजबूती पर भी असर डाल रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे महिलाओं के नाम संपत्ति खरीदने को बढ़ावा दें और पारिवारिक भरोसे को मजबूत बनाएं।

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