बंगलूरू| कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि इस विषय पर फैसला अकेले नहीं बल्कि पार्टी के पूरा हाईकमान मिलकर करेगा। उन्होंने बंगलूरू में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में राहुल गांधी, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा किया, जिसके बाद सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो गईं। पार्टी में यह माना जा रहा है कि चुनाव से पहले सरकार की अध्यक्षता ढाई-ढाई साल की अवधि में साझा की जाएगी, हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर कभी पुष्टि नहीं की गई।
डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से संकेत दिए और लिखा, “वचन की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जो कहा है, उस पर चलना चाहिए—चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद ही क्यों न रहूं।” शिवकुमार ने 29 नवंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात का समय भी मांगा है।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री केएन राजन्ना ने कहा कि अगर पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद है तो विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव कराए जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि अगला निर्णय भी कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) को ही करना चाहिए। उन्होंने सिद्धारमैया को पूरा कार्यकाल देने का समर्थन करते हुए गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर का नाम भी विकल्प के रूप में रखा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस चर्चा को “अनावश्यक बहस” बताया। वहीं डीके शिवकुमार ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं और उनके इस्तीफे की खबरें अफवाह हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय ले सकता है। अब सभी की निगाहें आगामी बैठक और दिल्ली में होने वाली अहम बातचीत पर टिकी हुई हैं।





