लखनऊ| फतेहपुर में शादी से ठीक पहले लेखपाल सुधीर कुमार कोरी की आत्महत्या ने सियासी और प्रशासनिक दुनिया में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे चुनावी कार्यभार से जुड़े दुखद परिणाम के रूप में बताया और मृतक परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि पार्टी भी प्रत्येक मृतक के आश्रित को 2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का संकल्प लेती है।
25 वर्षीय सुधीर कुमार कोरी, जो बिंदकी तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात थे, जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में SIR ड्यूटी पर थे। बुधवार को उनकी शादी थी, लेकिन मंगलवार सुबह उन्होंने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक की बहन अमृता ने बताया कि 22 नवंबर को तहसील सभागार में मतदाता पुनरीक्षण कार्य की बैठक हुई थी, जिसमें शादी की तैयारियों के कारण सुधीर शामिल नहीं हो सके।
परिजनों के अनुसार, उसी सुबह करीब 6:30 बजे कानूनगो शिवराम उनके घर आए और एसआईआर प्रपत्र फीडिंग कराने का दबाव बनाया। कथित तौर पर उन्हें कहा गया कि अगर काम नहीं किया तो बर्खास्त कर दिए जाएंगे। इसी मानसिक दबाव में सुधीर ने आत्महत्या कर ली।
एसडीएम संजय कुमार सक्सेना ने बैठक में उनकी अनुपस्थिति को लेकर निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस मामले में फतेहपुर पुलिस ने सुधीर के परिवार की तहरीर पर एसडीएम और कानूनगो के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में SIR के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए चुनाव आयोग को यह सीधे अपील है कि मृतकों के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। साथ ही, सपा भी प्रत्येक मृतक के आश्रित को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का संकल्प लेती है।
इस घटना ने प्रशासनिक कार्यशैली और कर्मचारियों पर डाले जा रहे दबाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और राज्य सरकार पर यह जिम्मेदारी बढ़ा दी है कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।





