लखनऊ। उत्तर प्रदेश और असम अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक-दूसरे के सफल अनुभवों को साझा कर नई और प्रभावी शिक्षा नीति का मॉडल तैयार करेंगे। इसी उद्देश्य से सोमवार को राजभवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। बैठक में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और उनकी शिक्षा सलाहकार टीम भी मौजूद रही।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मजबूत आधार ही किसी भी देश के उज्ज्वल भविष्य की असली पहचान है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को नई दिशा दी गई। उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया, कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई गई और शोध आधारित उत्कृष्ट संस्थान के रूप में विकसित करने के प्रयास निरंतर जारी हैं।
बैठक में असम राज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों ने एक विस्तृत प्रस्तुति देकर बताया कि उनके राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नियमित समीक्षा, निरंतर मूल्यांकन और निगरानी प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने से शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है।
बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच शिक्षा मॉडल, सफल नीतियों और नवाचारों को साझा करना रहा, ताकि इन अनुभवों के आधार पर उच्च शिक्षा को और अधिक प्रभावी और छात्र-केंद्रित बनाया जा सके। दोनों राज्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक तकनीक, पारदर्शिता और शोध आधारित मॉडल से मजबूत किया जाएगा।
असम के राज्यपाल ने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। इसके अलावा डेयरी विकास, मत्स्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण और प्रशासनिक समन्वय जैसे विषयों पर भी दोनों राज्यों ने अनुभव साझा किए।
बैठक में यह उम्मीद जताई गई कि यूपी और असम के बीच यह सहयोग उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा और छात्रों को बेहतर अवसरों के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।





