कई राज्यों में चल रहे कॉल सेंटर किए गए बंद
लखनऊ। अमेरिकी नागरिकों को कॉल सेंटर के जरिए धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के सरगना को सीबीआई ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान विकास कुमार निमार के रूप में हुई है, जो लंबे समय से साइबर ठगी के नेटवर्क को संचालन कर रहा था।
सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार विकास ने वीसी इंफ्रोमेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से पुणे और विशाखापट्टनम में कॉल सेंटर पंजीकृत कराए थे। इन कॉल सेंटरों के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को लालच देकर झांसा दिया जाता था और उनसे भारी धनराशि वसूली जाती थी। इस साइबर धोखाधड़ी की जानकारी अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने सीबीआई को दी थी, जिसके बाद विकास की तलाश शुरू की गई।
जांच के दौरान सीबीआई जब पुणे और विशाखापट्टनम के पते पर पहुंची तो वहां कॉल सेंटर संचालन का कोई सबूत नहीं मिला। इसके बाद एजेंसी ने गहन जांच शुरू की और पिछले वर्ष 24 सितंबर को विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। छापेमारी के दौरान पुणे, हैदराबाद और विशाखापट्टनम में चल रहे चार गैरकानूनी कॉल सेंटरों को बंद कराया गया, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए।
विकास की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई ने पुणे की अदालत से वारंट भी हासिल किया था। वारंट के आधार पर उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया और पुुणे ले जाया गया। उसकी गिरफ्तारी के समय उसके घर से 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पूछताछ में विकास ने खुलासा किया कि वह लखनऊ में भी एक अवैध कॉल सेंटर चला रहा था। इस जानकारी के आधार पर सीबीआई ने लखनऊ स्थित कॉल सेंटर पर छापा मारकर उसे भी सील करा दिया। यहां से 52 लैपटॉप, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
सीबीआई मामले की आगे जांच कर रही है, जबकि विकास के नेटवर्क और अन्य सहयोगियों की भी तलाश जारी है।





