उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एनओसी में थर्ड पार्टी जांच की तैयारी तेज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को गति देने और निवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार अब एनओसी जारी करने की प्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रही है। औद्योगिक विकास विभाग ने विभिन्न प्रकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने के लिए थर्ड पार्टी जांच लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद निवेशकों को सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और प्रोत्साहन राशि भी समय पर जारी की जा सकेगी।

वर्तमान में प्रदेश में किसी भी औद्योगिक परियोजना के लिए कुल 20 विभागों से एनओसी लेनी होती है, जिससे निवेशक लंबी प्रक्रियाओं में उलझकर समय और संसाधन दोनों गंवा देते हैं। इन्वेस्ट यूपी ने हाल ही में विभिन्न औद्योगिक समूहों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएँ जानी थीं, जिसमें सबसे बड़ी शिकायत एनओसी मिलने में देरी की थी। इसके बाद इन्वेस्ट यूपी ने पूरी प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के सुझाव औद्योगिक विकास विभाग को भेजे थे।

इन्हीं सुझावों पर आगे बढ़ते हुए विभाग ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्रम विभाग और अग्निशमन विभाग को आपसी तालमेल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि एनओसी के अधिकतर मामले इन्हीं विभागों से जुड़े होते हैं। थर्ड पार्टी जांच लागू होने से इन विभागों में तेजी आएगी और प्रमाण पत्र तय समय में उपलब्ध कराए जा सकेंगे।

इन्वेस्ट यूपी की कोशिश है कि निवेश से संबंधित सभी प्रक्रियाएं 21 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएं। इसके लिए विभागों को एनओसी जारी करने की अंतिम तिथि निर्धारित की जा रही है। साथ ही, पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन करने पर भी तेजी से काम हो रहा है, ताकि निवेशकों को हर सुविधा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सके।

उधर, बिहार में भी उद्योगों को एनओसी जारी करने के लिए थर्ड पार्टी जांच अनिवार्य की जा चुकी है। वहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्रम विभाग और अग्निशमन विभाग सामूहिक रूप से समन्वय स्थापित कर रहे हैं, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो सके। उत्तर प्रदेश भी इसी मॉडल को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे औद्योगिक वातावरण बेहतर होगा और प्रदेश में निवेश आकर्षण बढ़ेगा।

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