स्कूल विलय पर हाईकोर्ट ने अपीलें निस्तारित कीं, सरकार के सर्कुलर के अनुपालन का निर्देश

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लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के विलय को लेकर उठे विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली दोनों विशेष अपीलें निस्तारित कर दी हैं। खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए 27 अगस्त के आदेश/सर्कुलर को आधार मानते हुए कहा कि स्कूलों के विलय से जुड़े सभी निर्णय उसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू होंगे।

मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जिन परिषदीय स्कूलों में 50 से अधिक बच्चे हैं और दो स्कूलों के बीच की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है, उनका विलय नहीं किया गया है। वहीं 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों और एक किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थित विद्यालयों की ही पेयरिंग की गई है।

सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि पेयरिंग की पूरी प्रक्रिया 2009 के आरटीई अधिनियम और प्रासंगिक नियमों के अनुरूप की गई है। कोर्ट ने यह टिप्पणी दर्ज करते हुए अपीलों का निस्तारण कर दिया।

गौरतलब है कि 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने सीतापुर जिले में स्कूलों के विलय में अनियमितताओं के संकेत मिलने पर स्थिति यथावत रखने का आदेश दिया था। बाद में इसे 1 सितंबर तक बढ़ाया गया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में अनेक विसंगतियां सामने आई थीं, जिन पर स्पष्टीकरण देने के लिए समय मांगा गया था।

पहली विशेष अपील सीतापुर के पांच बच्चों की ओर से और दूसरी 17 छात्रों की ओर से दायर की गई थी, जिनमें एकल पीठ के 7 जुलाई के फैसले को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के विलय को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

कोर्ट के ताजा आदेश के बाद अब स्कूलों की पेयरिंग और विलय की प्रक्रिया सरकार के 27 अगस्त के सर्कुलर के अनुरूप ही आगे बढ़ेगी, जबकि संबंधित जिलों को दिशा-निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

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