नई दिल्ली: बिहार चुनाव के नतीजों के बाद लालू यादव और तेजस्वी की एक और मुसीबत बढ़ गई है। लालू-तेजस्वी के करीबी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ED), गुरुग्राम (Gurugram) क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को बताया कि उसने धन शोधन के एक मामले में एंगल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य आरोपी और लालू-तेजस्वी के करीबी व प्रमोटर अमित कत्याल को गिरफ्तार (arrests) किया है। कत्याल को गुरुग्राम की विशेष अदालत (पीएमएलए) में पेश किया गया, जहाँ से उसे छह दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी ने गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज प्राथमिकियों के आधार पर अपनी जाँच शुरू की। शिकायतों में गुरुग्राम के सेक्टर 70 में 14 एकड़ ज़मीन पर स्थित ‘क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट’ नामक एक परियोजना में फ्लैटों की डिलीवरी न करने का आरोप लगाया गया था और इसमें कई अनुसूचित अपराध शामिल थे। ईडी की जाँच से पता चला है कि कत्याल ने एक अन्य डेवलपर से धोखाधड़ी से लाइसेंस प्राप्त किया और हरियाणा के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीसीपी) से लाइसेंस मिलने से बहुत पहले ही संभावित खरीदारों से धन इकट्ठा करना शुरू कर दिया था।
इस गतिविधि से उत्पन्न कुल अपराध आय (पीओसी) 300 करोड़ रुपये से अधिक है। यह परियोजना एक दशक से भी अधिक समय तक अधूरी रही, जिसमें केवल तीन टावरों का निर्माण हुआ, लेकिन वे पूरे नहीं हुए, जिसके कारण एक गृह खरीदार संघ ने दिवालियापन की कार्यवाही शुरू कर दी। जाँच में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बनाई गई एक परियोजना में कत्याल द्वारा तीसरे पक्ष के साथ की गई कई धोखाधड़ी वाली बुकिंगों का भी पता चला, साथ ही अन्य उद्देश्यों के लिए धन का दुरुपयोग भी हुआ, जिसके कारण परियोजना रुक गई।
जाँच में यह भी पता चला कि उन्होंने दिवालियापन की कार्यवाही के दौरान लाइसेंस प्राप्त भूमि (2 एकड़) का एक हिस्सा, जिसका मूल्य 130 करोड़ रुपये था, किसी तीसरे पक्ष को कम मूल्य पर बेच दिया, जो आईबीसी के तहत कानूनी प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग था। जाँच में यह भी पाया गया कि एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से लिए गए महत्वपूर्ण ऋणों को धोखाधड़ी वाले लेनदेन के माध्यम से डायवर्ट किया गया, जिससे बैंक को लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
एक अधिकारी ने कहा, अमित कत्याल गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कई एफआईआर में भी आरोपी हैं और उन पर कृष वर्ल्ड (सेक्टर 63, गुरुग्राम) और प्रोविंस एस्टेट जैसी अन्य परियोजनाओं में भी इसी तरह की कार्यप्रणाली अपनाने का आरोप है। अधिकारी ने आगे बताया कि आगे की जाँच जारी है।


