शरद कटियार
हमने माफिया राज से टकराना कोई आकस्मिक निर्णय नहीं लिया था। यह रास्ता चुनने के साथ-साथ हमने कीमत भी चुकाई है—कभी गुंडों की प्रताड़ना झेली, तो कभी शासन-प्रशासन (administration) और न्यायालयों के दबाव में हमारा योजनाबद्ध उत्पीड़न कराया गया। फिर भी हमें कोई पछतावा नहीं। हम न केवल पत्रकार (Journalist) हैं, बल्कि प्रकृति माता के सच्चे उपासक और लोककल्याण के प्रति समर्पित व्यक्ति भी। संतों, मनीषियों और हमारे स्वर्गीय पिता श्री सुधीर मोहन जी ने हमें जो मूल्य और सिद्धांत दिए, उसी पर अडिग रहकर हम पिछले 28 वर्षों से संघर्षपूर्ण लेकिन ईमानदार पत्रकारिता कर रहे हैं।
हमारा व्यक्तिगत जीवन सरल है—हमारे पास पूरे देश में एक डिसमिल जमीन तक नहीं, बैंक खातों में इतनी भी राशि नहीं जो आयकर के दायरे में आती हो। परिवार में मां, पत्नी और 10 वर्ष की बेटी—यही हमारी दुनिया है।
सातनपुर नवीन मंडी रोड की भूमि पर साजिश
सातनपुर नवीन मंडी रोड स्थित गाटा संख्या 203 की भूमि, जो पूर्व से ही आवासीय घोषित थी, को माफिया तंत्र की मिलीभगत से तत्कालीन जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नियम विरुद्ध तरीके से तालाब घोषित करा दिया। इस अवैध कार्रवाई से पूर्व मेरी बुजुर्ग मां द्वारा किए गए वैध बैनामे को भी दरकिनार कर दिया गया। क्योंकि कोई भी लैंड जब आकर्षक घोषित हो जाती है उसके बाद राजस्व का अधिकार स्वतः समाप्त हो जाता है, फिर भी मनमानी जारी रही।
उपजिलाधिकारी सदर अमित आसेरी द्वारा दिए गए विधि विरुद्ध आदेश को बाद में अपर आयुक्त, कानपुर मंडल ने स्थगित करवाया—जो कहीं न कहीं प्रभाव और षड्यंत्र की ओर संकेत करता है।
अपराधियों द्वारा फर्जी मुकदमा और न्याय की जीत
कुख्यात वकील अवधेश मिश्रा ने अपने गैंग के शराबी ट्रक चालक सत्यनारायण (भूपत पट्टी) के माध्यम से न्यायालय के आदेश पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमें मुझे, मेरी मां श्रीमती निर्मला देवी, अमृतपुर विधायक श्री सुशील शाक्य की पत्नी सहित आधा दर्जन लोगों को फंसाने की कोशिश की गई।
इस प्रकरण की दो बार निष्पक्ष विवेचना हुई और दोनों बार पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (F.R.) प्रस्तुत कर हमें निर्दोष सिद्ध किया।
हमारी शिकायत पर तत्कालीन राज्यपाल श्री राम नाईक ने वर्ष 2017 मे माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई हेतु पत्र भेजा। इसके बाद ही जिलाधिकारी मोनिका रानी का जनपद से स्थानांतरण हुआ और साजिशकर्ताओं की योजना ध्वस्त हो गई।
माफिया और अपराधी से वर्षों पुराना विरोध
कुछ लोग माफिया अनुपम दुबे के साथ हमारी AI-जनरेटेड फोटो सोशल मीडिया पर चलाकर हमें झूठे तरीके से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह षड्यंत्र नया नहीं, बल्कि अपराधियों की पुरानी शैली है।
सच्चाई यह है कि:
अपराध से हमारा वर्षों पुराना टकराव रहा है।
जब से यूपी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति लागू की, हमने दैनिक यूथ इंडिया में सैकड़ों बार उत्तर प्रदेश के तमाम माफिया और गुंडो के खिलाफ तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रकाशित कीं। अपराध और अपराधियों के खिलाफ हमारा रुख हमेशा स्पष्ट रहा है, आगे भी रहेगा।
कुछ सत्ता-समर्थित नेता या भटके हुए अधिकारी अपराधियों के सफेदपोश मददगारों के बहकावे में आ सकते हैं—लेकिन इसका हमें भय नहीं।समय आने पर हम सभी सबूतों सहित जवाब देने में सक्षम और तैयार हैं।
हमारी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं—यह पत्रकारिता की पवित्रता, सत्य और समाज व राष्ट्र के हित की है। सत्य पर चलते आए हैं, और आगे भी चलेंगे।
– शरद कटियार
मुख्य संपादक, दैनिक यूथ इंडिया


