चंडीगढ़: दिल्ली धमाके के बाद जांच एजेंसियों ने अल-फ़लाह विश्वविद्यालय (Al-Falah University) पर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली है और गिरफ़्तार प्रोफ़ेसर (professor) डॉ. निसार-उल-हसन की पत्नी और बेटी को विश्वविद्यालय परिसर में ही नज़रबंद कर दिया है। दोनों से लाल किले के पास हुए विस्फोट से जुड़े कथित आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है।
अधिकारियों ने दस एमबीबीएस छात्रों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है और उन्हें परिसर से बाहर जाने से रोक दिया है। उनके मोबाइल फ़ोन फ़ोरेंसिक जाँच के लिए ज़ब्त कर लिए गए हैं। नेटवर्क में संभावित लिंक का पता लगाने के लिए कॉल रिकॉर्ड, चैट और संग्रहीत डेटा की जाँच की जा रही है। विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग में प्रोफ़ेसर डॉ. निसार पर दिल्ली में विस्फोटक विस्फोट करने वाले संदिग्ध गुर्गों डॉ. उमर नबी, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद के साथ संपर्क बनाए रखने का आरोप है। घटना के बाद वह भाग गया था, लेकिन बाद में उसे पश्चिम बंगाल में गिरफ़्तार कर लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. निसार अल-फलाह विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले ही जांच के दायरे में थे। राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक मानी जाने वाली गतिविधियों के कारण उन्हें 2023 में श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में सहायक प्रोफेसर के रूप में सेवारत होने पर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया था। डॉ. उमर, डॉ. आदिल और डॉ. मुजम्मिल के साथ उनके कथित संबंधों ने कथित तौर पर अल-फलाह में उनकी नियुक्ति को आसान बना दिया, जहाँ कोई विस्तृत पृष्ठभूमि सत्यापन नहीं किया गया था।
उनकी गिरफ्तारी के बाद, एजेंसियों ने अपना ध्यान उनके परिवार पर केंद्रित कर दिया है। उनकी पत्नी, डॉ. सुरैया, जो विश्वविद्यालय अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं, और उनकी बेटी निबिया, जो एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा है, से परिसर में उनके आवास के अंदर पूछताछ की जा रही है। उनके फोन जब्त कर लिए गए हैं,


