– प्रशासन विरोधी माहौल बनाने की कोशिशें तेज
– साथी मनकू मिश्रा, अमन दुबे और अन्य सहयोगियों की गतिविधियाँ बढ़ीं
– उच्च न्यायलय से गिरफ़्तारी पर लगी है रोक
फर्रुखाबाद: पुलिस की पकड़ से करीब एक महीने तक फरार रहने के बाद दो दिन पूर्व जिले में वापसी के साथ ही विवादित वकील अवधेश मिश्रा (Awadhesh Mishra) का नेटवर्क फिर सक्रिय होता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार लौटते ही उसके करीबी सहयोगी मनकू मिश्रा, अमन दुबे सहित कई पुराने साथी फिर से जिले में सक्रिय हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि अवधेश मिश्रा के वापस आते ही उसके नज़दीकी एक- दो वकील और सहयोगी जिनमें उसका साला संते पाठक कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल बताया जाता है — जिले में प्रशासन के खिलाफ माहौल तैयार करने की कोशिशों में जुट गए हैं। इन सभी पर पहले भी कई मामलों में दबाव बनाने और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप लग चुके हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह समूह लगातार अपने तौर-तरीकों से जिले की शांति व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। पुलिस इनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है और जल्द ही कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है। अवधेश मिश्रा के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं, और फरारी के दौरान भी उसके द्वारा जिले में दखल बनाए रखने के प्रयासों की चर्चाएँ चलती रहीं। अब उसके लौटने से एक बार फिर प्रशासन की सतर्कता बढ़ गई है।
डीआईओएस कार्यालय का नजदीकी लिपिक फ़ाइल गायव करने की जुगत मे
सूत्रों के मुताबिक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अवधेश मिश्रा गैंग के खास लिपिक राजीव यादव ने एसकेएम इंटर कॉलेज और कृष्णा पब्लिक स्कूल नवाबगंज की फाइल गायब करने का ताना-बाना बुना है, हालांकि इस फाइल पर हर पेज पर नंबरिंग है इसी फाइल में पूर्व में तैनात रहे दो जिलाधिकारी के आदेश हैं, जिनमें अवधेश मिश्रा और उसकी पत्नी पर मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई करने के आदेश सम्मिलित हैं। वर्ष 2019 में जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में अवधेश मिश्रा के दोनों शिक्षण संस्थाओं के फर्जी वाडे का खुलासा हुई मजिस्ट्रेटी जांच में हुआ था।
जिलाधिकारी की जांच को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में भी संवैधानिक करार दिया था। लेकिन कार्यालय के बाबू ने साज जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह को भ्रमित कर दूसरी रिपोर्ट बनवाकर फर्जी दी गई मान्यता के खिलाफ प्रत्याहारन की कार्रवाई रुकवा दी थी। हाल ही में क्षेत्राधिकार नगर ने उस फाइल को तलब करने का मौखिक आदेश दिया था, लेकिन अपनी साठ- गाठ के बल पर मिश्रा ने उस कार्रवाई को भी स्थगित करने में सफलता पा ली थी।


