राम मंदिर में 25 नवंबर को स्वतंत्रता दिवस जैसी गरिमा संग होगा ध्वजारोहण

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पीएम मोदी के रोड शो की संभावना बढ़ी, सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व स्तर पर कड़ी

अयोध्या| अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण समारोह स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों की गरिमा के साथ सम्पन्न होगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे के बीच निर्धारित शुभ मुहूर्त में ध्वजारोहण प्रक्रिया संपन्न की जाएगी, जबकि श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 12 से 12:30 बजे के बीच निश्चित किया गया है। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद, ढोल-नगाड़ों और मंगलवाद्य की ध्वनि के बीच ध्वज फहराएंगे। ध्वज फहराते ही पूरा मंदिर परिसर घंटे-घड़ियालों की ध्वनि से गूंज उठेगा। सेना के अधिकारियों की मौजूदगी में राष्ट्रीय शिष्टाचार के अनुरूप ध्वजारोहण प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पूरे परिसर को पारंपरिक ध्वजों, पुष्प सजावट और दीपों से सुसज्जित किया जा रहा है, जबकि शहरभर में सुरक्षा, यातायात और आगंतुकों की सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।

समारोह में आगमन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में रोड शो भी कर सकते हैं। जिला प्रशासन ने उनके लिए दो वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं। पहला मार्ग एयरपोर्ट से महोबरा बाज़ार होते हुए राम मंदिर तक लगभग 12 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग है, जबकि दूसरा विकल्प एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा साकेत कॉलेज हेलीपैड तक पहुंचने और वहाँ से मात्र एक किलोमीटर की दूरी तय कर राम मंदिर जाने का है। साकेत कॉलेज में बनाए गए तीनों हेलीपैड तैयार कर दिए गए हैं। एसपीजी की टीम के पहुंचने के बाद इनमें से किसी एक मार्ग को अंतिम मंजूरी मिलेगी। इसके बाद पूरे मार्ग पर बैरिकेडिंग, सुरक्षा घेरा और घरों व भवनों पर तैनाती जैसे इंतज़ाम और कड़े किए जाएंगे। रोड शो पर भी अंतिम निर्णय एसपीजी की सहमति के बाद ही लिया जाएगा।

उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 18 नवंबर को अयोध्या पहुंचकर तैयारियों की विस्तृत समीक्षा कर सकते हैं। उनके दोपहर बाद पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री रामजन्मभूमि परिसर में प्रशासन, पुलिस, ट्रस्ट पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पूरे आयोजन की रूपरेखा, सुरक्षा व्यवस्था और कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण करेंगे। वे प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति वाले कार्यक्रम को लेकर आवश्यक निर्देश भी देंगे।

सुरक्षा के मद्देनजर राम मंदिर परिसर में एक बड़ा निर्णय लेते हुए ट्रस्ट और प्रशासन ने मेहमानों के मोबाइल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। शुरुआत में मोबाइल ले जाने की अनुमति थी, लेकिन दिल्ली में हुए हालिया विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर यह नियम बदल दिया गया। अब 25 नवंबर को समारोह में शामिल होने वाले लगभग आठ हजार मेहमान—जिनमें पीएम मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल होंगे—को खाली हाथ प्रवेश करना होगा। उनके भोजन और जलपान की व्यवस्था ट्रस्ट करेगा। सुरक्षा एजेंसियों ने मंदिर परिसर में अतिरिक्त मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वॉड, हाईटेक सर्विलांस, नए कैमरे और 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार बढ़ती भीड़, राष्ट्रीय सतर्कता और उच्चस्तरीय कार्यक्रम को देखते हुए यह कदम आवश्यक था। प्रशासन ने सभी आगंतुकों से अपील की है कि वे मोबाइल न लाकर सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग करें, ताकि समारोह सुचारु, सुरक्षित और अनुशासित ढंग से संपन्न हो सके।

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