हमीरपुर: हमीरपुर में एक महिला की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या (murdering) के बाद एक दरोगा (SI) को गिरफ्तार (arrested) कर लिया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। मृतका किरन सिंह, जो मूल रूप से महोबा जिले की रहने वाली थीं और कबरई में रहती थीं, मृतक महिला का नग्न अवस्था में शव 13 नवंबर को रामा गाँव के पास मौदहा-राठ मार्ग पर मिला था।
पुलिस ने मामले की जाँच के लिए तीन टीमें गठित कीं है। स्थानीय पूछताछ और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के माध्यम से महिला की पहचान की पुष्टि हुई। किरन ने अपने पति विनोद, जो सीआरपीएफ जवान हैं, के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। उनके परिवार का आरोप है कि विनोद और उनके रिश्तेदारों ने शादी के तुरंत बाद 2 लाख रुपये और एक कार की मांग की थी।
परिवार का दावा है कि जब मांगें खारिज कर दी गईं, तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उस पर गंभीर दबाव डाला गया, जिसके चलते उसने मामला दर्ज कराया। इस मामले की जांच 2024 से कबरई थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर अंकित यादव कर रहे थे। पुलिस की जांच और परिवार के बयानों के अनुसार, जांच से जुड़ी बार-बार बातचीत के दौरान, दोनों कथित तौर पर करीब आ गए।
पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा के अनुसार, 12 नवंबर को किरण और अंकित, अंकित की गाड़ी में साथ-साथ निकले थे। बाहर घूमने के दौरान उनके बीच विवाद हो गया। पुलिस का आरोप है कि इस बहस के दौरान अंकित ने गाड़ी के अंदर रखी लोहे की रॉड से किरण पर हमला कर दिया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। अगली सुबह उसका नग्न शव सड़क किनारे मिला। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया और सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया।
दो डॉक्टरों के एक पैनल ने पोस्टमार्टम किया, जिसमें किसी भारी वस्तु से सिर में फ्रैक्चर और गर्दन पर दबाव के निशान पाए गए। किरण के भाई सतीश कुमार ने बताया कि 12 नवंबर को वह दहेज के मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह घर नहीं लौटीं और उन्हें शक है कि उन्हें इलाके से कहीं ले जाया गया होगा, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति विनोद और एसआई अंकित यादव ने मिलकर यह काम किया होगा, हालाँकि पुलिस ने अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
पुलिस ने रविवार सुबह एसआई अंकित यादव को महोबा स्थित उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, अंकित ने दावा किया कि किरण अक्सर उनसे संपर्क करती थीं और उन पर भावनात्मक रूप से दबाव डालती थीं। उन्होंने कई बार उनका नंबर ब्लॉक किया था, लेकिन वह अलग-अलग नंबरों से उनसे संपर्क करती रहीं। 11 नवंबर को, उन्होंने फिर से उनसे संपर्क किया और बात करने की इच्छा जताई। वह मान गया और दावा किया कि वह मामले को सुलझाना चाहता है। उसने बताया कि बाहर घूमने के दौरान बहस बढ़ गई, जिसके बाद उसने अपना नियंत्रण खो दिया और उस पर हमला कर दिया।
पुलिस इसे संलिप्तता की स्वीकारोक्ति मान रही है, हालाँकि आगे के सबूतों की जाँच की जा रही है। पुलिस अब कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रही है, 12 नवंबर को अदालत में हुई घटनाओं की समीक्षा कर रही है, आरोपी द्वारा अपनाए गए रास्ते की जाँच कर रही है, पीड़िता के पति सहित किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता की संभावना की जाँच कर रही है, और विस्तृत जाँच के लिए फोरेंसिक साक्ष्य भेज रही है।


