सेवा ही जीवन: आशियाना में निःशुल्क भोजन वितरण से भावुक हुआ मानवता का माहौल- विपिन शर्मा
बृज की रसोई का बड़ा संकल्प – जब तक भूख है, सेवा निरंतर जारी रहेगी: संजय श्रीवास्तव
लखनऊ: प्रेरणास्रोत परम पूज्य बाबा नीम करौली जी की कृपा एवं आशीष से प्रेरित इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी (रजि.) के सेवा प्रकल्प बृज की रसोई (Brij Ki Rasoi) के अंतर्गत आज रविवार को सायं 3 बजे से आशियाना (Aashiyana) क्षेत्र के विभिन्न चिन्हित स्थलों पर निःशुल्क भोजन वितरण सेवा का आयोजन किया गया। संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस सेवा कार्य का शुभारंभ साईं मंदिर, आशियाना से हुआ, जहाँ से यह कारवाँ सेक्टर–एम रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड पार्क, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के समीप झुग्गी–झोपड़ी क्षेत्रों, निर्माणस्थलों पर कार्यरत श्रमिक परिवारों के अस्थायी आवासों, नगर निगम जोन–8 की मलिन बस्तियों एवं रतन खंड पानी टंकी क्षेत्र तक पहुँचकर ज़रूरतमंदों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरता रहा।
सभी ने सामूहिक रूप से गरीब परिवारों, महिलाओं, बच्चों एवं श्रमिक वर्ग के भाइयों–बहनों को स्नेहपूर्वक भोजन परोसा, जिसमें स्वच्छता, पोषण एवं मर्यादा का विशेष ध्यान रखा गया। संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया कि बृज की रसोई केवल निःशुल्क भोजन वितरण का उपक्रम नहीं, बल्कि यह मानवता की थाली में परोसी करुणा, प्रेम और एकता की प्रसादमयी अनुभूति है। यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का एक अंश नहीं, बल्कि संवेदना का एक कण भी समर्पित कर दे, तो यह धरती किसी भूखे के आँसू नहीं, बल्कि तृप्ति और संतोष की मुस्कान देखेगी।
कार्यक्रम के दौरान दीपक भुटियानी ने बताया कि संस्था निरंतर इस बात पर बल देती है कि सेवा केवल दान नहीं, बल्कि मानवता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का उत्सव है। वहीं नवल सिंह ने कहा कि प्रत्येक रविवार को चलने वाला यह अभियान अब समाज के हर वर्ग तक पहुँचने का माध्यम बन चुका है। संस्था के सदस्य दिव्यांश शर्मा ने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा जो व्यक्ति इस अभियान से जुड़ता है, वह केवल भूखों को अन्न नहीं देता, बल्कि अपने भीतर आत्मिक सुख, संतोष और ईश्वर की साक्षात् अनुभूति का अनुभव करता है। सेवा ही सच्चे जीवन का सार है।
संस्था के समर्पित पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक संजय श्रीवास्तव, दीपक भुटियानी, अनुराग दुबे, हीरा सिंह, नवल सिंह मुकेश कनौजिया, उमाशंकर यादव एवं दिव्यांश शर्मा सहित अनेक समाजसेवियों ने इस अभियान में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। अनुराग दुबे ने बताया कि अभियान के समापन पर सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः के सामूहिक उच्चारण के साथ यह संकल्प दोहराया कि जब तक किसी एक व्यक्ति के भी चेहरे पर भूख की पीड़ा है, तब तक बृज की रसोई की सेवा इसी प्रकार निरंतर चलती रहेगी।


