
शरद कटियार
जीवन का हर नया दिन एक नई सीख, एक नई ऊर्जा और एक नया संदेश लेकर आता है। सुबह की पहली किरण जैसे ही धरती को छूती है, मन में यह एहसास जागता है कि प्रकृति हर दिन हमें नया अवसर दे रही है—अपने रास्ते पर कायम रहने का, सत्य पर डटे रहने का, और अपने लक्ष्य की ओर बिना डरे बढ़ते रहने का।
इस दुनिया में अक्सर जिनसे सबसे अधिक उम्मीदें होती हैं, वही लोग सबसे पहले बदल जाते हैं। जिनपर भरोसा किया, जिन्हें अपना माना—वे तब तक साथ रहते हैं जब तक हम उनके मन के अनुसार चलें।
लेकिन जैसे ही अपनी बात कही, अपने सिद्धांतों पर खड़े हुए, वही लोग हमें गलत ठहराने लगे।
यही जीवन की विडंबना है—सच बोलने पर अक्सर वही लोग नाराज़ होते हैं जो केवल अपनी सुविधा चाहते हैं।
हमारे जीवन में ऐसे लोग भी मिलते हैं जो हमारी मेहनत नहीं, हमारी चमक देखते हैं।किसी ने जेब टटोली कि कितना पैसा बचा है,किसी ने कयास लगाया कि “अब कितने दिन के?”तो किसी ने हमारे संघर्षों का ठीकरा इस बात पर फोड़ दिया कि हमने पैसा कमाने पर ध्यान नहीं दिया।
लेकिन वे यह नहीं जानते कि हमारी वास्तविक पूँजी नीयत है, सत्य है और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प है। यह वह खज़ाना है जो कभी खत्म नहीं होता।
हम अपने कार्य में जुटे थे, जुटे हैं और जुटे रहेंगे—क्योंकि हमारा हर कदम लोककल्याण के लिए है।
यह सिर्फ पेशा नहीं, यह समाज, सत्य और जनता के लिए जिम्मेदारी है।लोग क्या कहते हैं, इससे न कभी फर्क पड़ा था, न पड़ेगा।
क्योंकि हमने किसी से न सहारा माँगा, न समय माँगा।
हमारी शक्ति हमारा कर्म है और हमारा विश्वास ईश्वर का आशीर्वाद।
सुहानी भोर हर दिन यह संदेश देती है कि तूफ़ान चाहे कितने भी आएँ,
आलोचनाओं के बादल चाहे कितने भी घिरें,पीठ पीछे बातें बनाने वालों की संख्या चाहे कितनी भी हो,
सत्य का मार्ग हमेशा उज्ज्वल रहता है।जो ईश्वर के रास्ते पर चलता है,
जिसके मन में लोकहित का भाव है,
और जिसकी नीयत साफ है—
उसे किसी और की स्वीकार्यता की आवश्यकता नहीं होती।
आज की भोर हमें याद दिलाती है कि“जिसके साथ ईश्वर खड़ा है, उसे किसी और की ज़रूरत नहीं।”
हमारा सफ़र कठिन हो सकता है,
लेकिन यह सफ़र सच्चाई, विश्वास और आत्मसम्मान का है।
इसी विश्वास के साथ हम आगे भी निरंतर चलते रहेंगे—
समाज के लिए, सत्य के लिए, और अपने कर्म के लिए।





