बुजुर्गों को मिलेगी घर बैठे पेंशन

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– मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ फैसला
– समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने दी जानकारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धजन कल्याण की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए पेंशन प्रक्रिया को पूरी तरह आवेदन–मुक्त कर दिया है। अब वृद्धावस्था पेंशन के लिए किसी भी बुजुर्ग को आवेदन नहीं करना होगा। पात्र बुजुर्गों की पहचान फॅमिली आईडी — ‘एक परिवार, एक पहचान’ प्रणाली के माध्यम से स्वतः की जाएगी और उनकी पेंशन सीधे स्वीकृत कर दी जाएगी।
सरकार के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 67.50 लाख लोग वृद्धावस्था पेंशन ले रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में वे बुजुर्ग भी हैं, जो पात्र होते हुए भी आवेदन प्रक्रिया के कारण वंचित रह जाते थे। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने स्वचालित सत्यापन और स्वचालित भुगतान की नई व्यवस्था लागू कर दी है।
फॅमिली आईडी से तैयार सूची में पात्र बुजुर्गों का नाम स्वतः शामिल होगा।
समिति एवं समाज कल्याण विभाग अपने पोर्टल के माध्यम से पात्र लोगों का स्वतः चयन करेगा।
वार्षिक सत्यापन, मृत्यु, स्वैच्छिक त्याग जैसी स्थितियों में पेंशन स्वतः बंद या परिवर्तित हो जाएगी।
बुजुर्गों से संपर्क SMS, व्हाट्सप्प, कॉल आदि के माध्यम से किया जाएगा।
आवश्यकतानुसार समग्र सहायता केंद्र (हेल्प डेस्क) उनके घर जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन करेगा।
जिनके पास मोबाइल नहीं है, उनके सत्यापन के लिए हेल्पडेस्क घर जाकर प्रक्रिया पूरी करेगा।
जीवित प्रमाणपत्र, वार्षिक आय प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज—अब सिस्टम के माध्यम से स्वतः सत्यापित होंगे।
यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाए या आय सीमा से अधिक आय दिखाई दे, तो पेंशन स्वतः बंद हो जाएगी।
इससे पात्रता की गलतियों, फर्जी मामलों और अनावश्यक भुगतान पर रोक लगेगी।
पुराने सिस्टम में ऑडिट की कमी के कारण कई त्रुटियाँ पाई जाती थीं।
अब विभाग स्वचालित सत्यापन, डेटा विश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण जैसे उपायों को लागू करेगा।
संदेहास्पद लाभार्थियों की पहचान कर जांच की जाएगी, जिससे दुरुपयोग रोका जा सके।

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