लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नीतियों का असर अब प्रदेशभर में साफ दिखाई देने लगा है। ओवरलोडिंग और अवैध मौरंग परिवहन पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे अभियान में एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फतेहपुर, उन्नाव और रायबरेली में दो एआरटीओ समेत 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
एसटीएफ को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि इन जिलों में अवैध मौरंग परिवहन और ओवरलोड ट्रकों के संचालन में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है। जांच में पाया गया कि कई ट्रक बिना परमिट और ओवरलोडिंग के साथ लगातार सड़क पर दौड़ रहे थे। इस पर एसटीएफ ने गहन जांच शुरू की और साक्ष्य जुटाने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया।
एटीएस सूत्रों के अनुसार, जिन दो एआरटीओ अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की और अवैध परिवहन माफिया को संरक्षण दिया। वहीं, दर्ज अन्य मामलों में परिवहन विभाग के कर्मचारियों, ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों और खनन कारोबार से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आए हैं।
सरकार ने इसे “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति के तहत बड़ी कार्रवाई बताते हुए कहा है कि प्रदेश में ओवरलोडिंग, अवैध खनन और मौरंग परिवहन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए और प्रदेशभर में इस तरह की जांच अभियान को और तेज़ किया जाए।
एसटीएफ ने बताया कि अब इन तीनों जिलों के साथ-साथ बांदा, चित्रकूट और प्रयागराज में भी संदिग्ध मौरंग परिवहन नेटवर्क पर नज़र रखी जा रही है। विभागीय स्तर पर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।





