चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Haryana Pradesh Congress Committee) (HPCC) 2024 के विधानसभा चुनावों में कथित अनियमितताओं के विरोध में “वोट चोर, गद्दी छोड़” नाम (Vote thief, leave the throne) का एक बड़े राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है। यह अभियान बुधवार को करनाल (Karnal) जिले से शुरू हो गया है, जहाँ एक विशाल जनसभा और विरोध मार्च की योजना बनाई गई है।
एचपीसीसी के अनुसार, इस आंदोलन का उद्देश्य “लोकतंत्र की रक्षा करना और जनादेश की कथित चोरी को उजागर करना” है। दिन बुधवार के कार्यक्रम सुबह 11 बजे पाठक अस्पताल के पास एक जनसभा के साथ शुरू हुई, जिसके बाद जिला सचिवालय तक मार्च निकाला जाएगा, जहाँ पार्टी के प्रतिनिधि भारत के राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह इस अभियान का नेतृत्व कर रहे है, उनके साथ सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं सह-प्रभारी प्रफुल्ल घुर्ते और अन्य प्रमुख पार्टी नेता शामिल होंगे। पूरे हरियाणा से हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के इसमें भाग लेने की उम्मीद है। इस अभियान की जड़ें कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अक्टूबर 2024 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोप से जुड़ी हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान 25 लाख वोटों में धोखाधड़ी की गई थी।
गांधी ने राज्य की मतदाता सूची में एक ब्राज़ीलियाई मॉडल की तस्वीर शामिल करने पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि एक ही तस्वीर अलग-अलग भारतीय नामों से कई बार दिखाई देती है। उनकी टिप्पणी के बाद, दिल्ली में राज्य प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद की अध्यक्षता में एक रणनीति बैठक हुई जिसमें कई सार्वजनिक प्रदर्शनों की योजना को अंतिम रूप दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, दीपेंद्र हुड्डा और कई अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता इस विचार-विमर्श का हिस्सा थे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यह आंदोलन अगले 27 दिनों में हरियाणा के सभी 22 जिलों में आयोजित किया जाएगा। 12 नवंबर को करनाल में उद्घाटन समारोह के बाद, 13 नवंबर को अंबाला, 15 नवंबर को फरीदाबाद, 17 नवंबर को चरखी दादरी, 18 नवंबर को हिसार और कई अन्य जिलों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिनका समापन 8 दिसंबर को पानीपत में होगा।
पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि सभी सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के उम्मीदवार इस अभियान में भाग लेंगे। कांग्रेस नेतृत्व ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता का संघर्ष है।


